
सकरी हाँफा में नृसिंह जयंती

ग्राम हाँफा में स्थापित देवाधिदेव बघर्रा पाठ महाराज नृसिंह देव मंदिर में नृसिंह जयंती (चतुर्दशी उत्सव )भगवान विष्णु के चौथे अवतार ‘भगवान नृसिंह’ के प्रकट होने का पर्व है, जिसे विशेष रूप से भक्त बड़े श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाते हैं। यह अवतार आधे मानव और आधे सिंह के रूप में प्रकट हुआ था, जिसने भक्त प्रह्लाद की रक्षा की और अत्याचारी राक्षस हिरण्यकश्यप का वध किया। यह दिन धर्म की जीत, भक्ति की महिमा और अधर्म पर ईश्वर की दया का प्रतीक है। मंदिर के आचार्य धनेश उपाध्याय जी ने बतलाया हिंदू पंचांग के अनुसार, नृसिंह चतुर्दशी उत्सव वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। यह पर्व रविवार, 11 मई 2025 को मनाया जाएगा नृसिंह भगवान की पूजा में, विशेष रूप से चंदन चढ़ाया जाता है और अभिषेक किया जाता है। क्योंकि भगवान नृसिंह उग्र रूप में होते हैं और चंदन उनके क्रोध को शांत करने में मदद करता है।जो प्रातः रुद्र अभिषेक से नकारात्मकता, बाधाओं को दूर कर स्वास्थ्य, धन और शांति में मदद करता है. भगवान नृसिंह के उग्र रूप को समर्पित ॐ उग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखं। नृसिंह भीषणं भद्रं मृत्युमृत्युं नमाम्यहम् मंत्रों के साथ नृसिंह चालीसा का पाठ एवं जप के पश्चात भोग लगाकर प्रसाद भंडारा का आयोजन प्रारंभ होगा संध्या के समय भगवान नृसिंह देव की पूजा करना अत्यंत फलदायी माना जाता है
एवं महा आरती सायंकाल 6 बजे के पश्चात प्रसाद वितरण किया जाएगा। आचार्य जी ने सभी भक्तों से आग्रह किया है कि महा आरती में अधिक से अधिक संख्या में परिवार सहित उपस्थित होकर आप सभी भक्त आशीर्वाद लेकर अपने समस्त पाप और कष्टों से मुक्त होकर पुण्य के भागीदारी बने

महत्वपूर्ण समय:
चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 10 मई 2025 – शाम 5:29 बजे
चतुर्दशी तिथि समाप्त: 11 मई 2025 – रात्रि 8:01 बजे तत्पश्चात भद्रा आरम्भ
सायंकाल पूजन मुहूर्त: सायं 4:21 मिनट से 7:03 मिनट तक
मध्यान्ह संकल्प समय: सुबह 10:57 बजे से दोपहर 1:39 बजे तक
पारण (व्रत खोलने का समय): 12 मई 2025 – सुबह 5:32 बजे के बाद सुबह 9:14 भद्रा अंतः
