रतनपुर: महामाया कुंड में 23 कछुओं की मौत ने लिया जन आंदोलन का रूप, दोषियों की गिरफ्तारी और मंदिर ट्रस्ट को भंग करने की मांग के साथ किया गया पुतला दहन

आकाश मिश्रा

रतनपुर, पवित्र महामाया कुंड में 23 कछुओं की रहस्यमयी और अकाल मौत से पूरे रतनपुर में जनाक्रोश भड़क उठा है। शुक्रवार को नागरिक न्याय मंच के आह्वान पर सफल रतनपुर बंद के बाद, सोमवार शाम को महामाया चौक में दोषियों का पुतला दहन कर विरोध प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने एक स्वर में महामाया मंदिर ट्रस्ट की वर्तमान समिति को तत्काल भंग करने की मांग की।

प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि महामाया मंदिर ट्रस्ट ने चैत्र नवरात्र से पहले कुंड की सफाई के नाम पर मछलियों के अवैध शिकार की अनुमति दी थी, जबकि इस क्षेत्र में मछलियों के शिकार पर पूर्ण प्रतिबंध है। इसी दौरान जाल में फंसकर 23 कछुओं की मौत हो गई। लोगों का कहना है कि यह आदेश ट्रस्ट द्वारा दिया गया था, इसलिए इसके लिए ट्रस्ट के पदाधिकारी ही जिम्मेदार हैं।

विशेष रूप से मंदिर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष सतीश शर्मा पर गंभीर आरोप लगे हैं, जिनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने से लोगों को भरोसा हुआ है कि अदालत भी उन्हें निर्दोष नहीं मान रही। बताया जा रहा है कि सतीश शर्मा सहित कई अन्य लोग फरार हैं। नागरिकों की मांग है कि इनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।

इधर नगर पालिका के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने भी दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश करते हुए पुलिस को पत्र लिखा है। हालांकि, वन विभाग की निष्क्रियता को लेकर लोगों में जबरदस्त आक्रोश है। इस मुद्दे को लेकर वन विभाग का घेराव करने और धरना-प्रदर्शन की योजना भी बनाई गई है। नागरिक बाइक रैली निकालकर वन विभाग कार्यालय पहुंचकर न्याय की गुहार लगाएंगे।

नागरिक न्याय मंच द्वारा चलाया जा रहा जन आंदोलन लगातार तेज होता जा रहा है, और अब प्रशासन पर भी दबाव बढ़ रहा है। लोगों की स्पष्ट मांग है कि महामाया मंदिर ट्रस्ट की वर्तमान कार्यकारिणी को भंग कर उसमें स्थानीय नागरिकों को स्थान दिया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

यह मामला अब केवल कछुओं की मौत का नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही और धार्मिक आस्था के साथ खिलवाड़ का बन चुका है, जिसे लेकर रतनपुर के नागरिक एकजुट होकर न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं।

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