


बिलासपुर में धर्म परिवर्तन के प्रयास का एक और मामला सामने आया है, जहां पत्नी साथ रहने के लिए पति पर धर्म परिवर्तन का दबाव बना रही है। पेंड्रा के बाजार पारा में रहने वाले सोनू महतो का विवाह 25 फरवरी 2024 को बिलासपुर के देवरीडीह में रहने वाले जमुना प्रसाद बेरिया की बेटी स्नेहा बेरिया से हुआ था। यह विवाह हिंदू रीति रिवाज के साथ सम्पन्न हुआ था। कुछ दिनों बाद सोनू की पत्नी मायके चली गई, जहां से लौटने के बाद उसके तेवर ही बदल गए और वह अपनी सास द्वारा पूजा पाठ किए जाने का विरोध करने लगी। विवाद इतना गहराया की सोनू को अपना चूल्हा चौका अलग करना पड़ा। लेकिन इससे भी बात नहीं बनी।
कुछ समय बाद उसका ससुर अपनी बेटी के गर्भवती होने पर उसे अपने साथ मायके देवरीडीह बिलासपुर ले गया। इस दौरान भी सोनू महतो ने बार-बार प्रयास किया कि उसकी पत्नी उसके साथ घर लौट आए लेकिन उसकी पत्नी और सास ससुर कोई ना कोई बहाना बनाकर मामले को टाल देते। सोनू महतो ने बताया कि इस दौरान भी उसने लगातार पत्नी का खर्च उठाया। सोनू महतो की पत्नी ने इस साल जनवरी में एक बच्ची को जन्म दिया लेकिन जब सोनू उसे अपने साथ ले जाने पहुंचा तो उसकी पत्नी और सास, ससुर, साला, साली ने सोनू के सामने शर्त रखी कि वह अपने बुजुर्ग माता-पिता को छोड़कर उनके साथ बिलासपुर में रहने लगे और ईसाई धर्म स्वीकार कर ले।
सोनू ने दोनों ही शर्त मानने से इनकार कर दिया, जिसके बाद उसके खिलाफ महिला थाने में झूठी शिकायत दर्ज कर दी गई। महिला थाना पुलिस द्वारा बुलाए जाने पर बिलासपुर पहुंचे सोनू महतो ने सारी स्थिति स्पष्ट की और बताया कि किस तरह से उसे प्रताड़ित कर उसकी पत्नी और बच्चे से वंचित किया जा रहा है और उसके सामने धर्म परिवर्तन कर ईसाई बनने की शर्त रखी जा रही है। सोनू महतो ने अपने ससुर जमुना प्रसाद बेरिया, सास बिंदो बेरिया, साला सोनू बेरिया और पत्नी की बड़ी बहन निशा हथगेल के खिलाफ उसे प्रताड़ित करने, उस पर मिथ्या आरोप लगाने और दबाव बनाकर धर्म परिवर्तन के लिए विवश करने का आरोप लगाया है।
सोनू महतो ने कहा कि वह हिंदू है और उसने स्नेहा के साथ हिंदू रीति रिवाज के उसे हिंदू जानकर ही विवाह किया था। अब जब उसका ससुराल पक्ष धर्मांतरित हो चुका है तो वे उस पर भी धर्मांतरण के लिए दबाव बना रहे है, जबकि सोनू धर्म परिवर्तन के लिए तैयार नहीं ।
इसी वर्ष 15 जनवरी को सोनू की बेटी पैदा हुई लेकिन उसकी पत्नी और सास ससुर पिता को बेटी से मिलने नहीं दे रहे। उस पर झूठे इल्जाम लगाये जा रहे हैं । यहां तक की सोनू के माता-पिता पर भी जादू टोना करने का आरोप लगाया गया है।
बिलासपुर में धर्म परिवर्तन का खेल जोरों से जारी है। इसके लिए तमाम हथकंडे अपनाए जा रहे हैं । प्रलोभन और अज्ञानता में जो लोग धर्मांतरित हुए हैं, वे अपने आसपास के लोगों पर भी धर्मांतरण के लिए इसी तरह से दबाव बना रहे हैं। इस घटना की जानकारी होने पर हिंदू संगठन से जुड़े लोगों ने थाने पहुंचकर इसका विरोध किया और पुलिस से भी ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। स्नेहा से विवाह कर सोनू का जीवन बर्बाद हो गया। ससुराल पक्ष की साजिश से उसकी पत्नी और उसकी बच्ची उससे अलग हो गई। अब उसके सामने यह शर्त रखी गई है कि अगर अपनी पत्नी और बच्ची चाहिए तो उसे ईसाई बनना ही होगा। दरअसल यही है अवैध धर्मांतरण।

