

सोमवार दिन भर बिलासपुर के रेलवे क्षेत्र में हंगामा मचा रहा। कटनी रेल मार्ग पर तीसरी लाइन के निर्माण के चलते रास्ता बंद करने के विरोध में 300 से ज्यादा किसानों ने बिलासपुर में प्रदर्शन किया। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे भारतीय रेल संघर्ष मोर्चा के संयोजक ईश्वर चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि रेलवे प्रशासन बिलासपुर से कटनी तक तीसरी रेल लाइन का निर्माण कर रहा है। इसमें झरेला गांव के 300 से अधिक किसानों के खेतों तक जाने का रास्ता रेलवे प्रशासन ने बंद कर दिया है। झरेला का समपार फाटक बंद होने से ग्रामीणों को खेत तक खाद, बीज और जुताई के लिए ट्रैक्टर आदि ले जाने में परेशानी हो रही है और वे खेती नहीं कर पा रहे हैं।

इसी मुद्दे पर अपना विरोध प्रदर्शन करने 300 से अधिक किसान परिवार बिलासपुर पहुंचे, जिसमें अधिकांश महिलाएं थी। हाथों में बैनर पोस्टर लिए इन लोगों ने जीएम कार्यालय घेरने का प्रयास किया, जिन्हें तितली चौक के पास ही रोक दिया गया। इसके बाद यह सभी सड़क पर ही बैठ गए और नारेबाजी करने लगे। आरपीएफ ने रोका तो फिर सभी उठकर स्टेट बैंक के सामने सड़क पर बैठ गए। दोपहर होने के बाद इन लोगों ने यही भोजन तैयार करना शुरू किया। आरोप है कि भोजन पकाने के दौरान आरपीएफ के लोगों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया जिससे नाराज होकर इन लोगों ने अन्न जल त्यागने और आमरण अनशन की बात कहते हुए आंदोलन को और उग्र कर दिया। सुबह से लेकर शाम तक हंगामा चलता रहा। यह लोग इस बात पर अड़े रहे कि डीआरएम आकर उनसे चर्चा करें, लेकिन डीआरएम नहीं आये। बाद में जिला प्रशासन की ओर से नायब तहसीलदार मौके पर पहुंचे और प्रदर्शन करियो से बातचीत कर उनसे ज्ञापन लिया। इसके बाद यह प्रदर्शन समाप्त हुआ लेकिन इसके चलते दिन भर रेलवे क्षेत्र में हंगामे की स्थिति रही और रास्ता भी बन्द रहा।
