भारतीय समाज की अवधारणा है कि अच्छे लड़के मोटी तनख्वाह की सरकारी नौकरी करते हैं,
और अच्छी लड़कियां सुंदर होती हैं। इससे अधिक और इससे परे हमारा समाज अच्छे होने को परिभाषित कर ही नहीं पाया । यही कारण है कि युवाओं में शासकीय नौकरी को लेकर अजीब सी जिजीविषा है। सरकारी नौकरी के लिए वे किसी भी हद से गुजर सकते हैं। पता है कि सरकारी नौकरी इतनी आसानी से नहीं मिलती लेकिन फिर भी वे रुपए देकर नौकरी हासिल करने का प्रयास करते है और इस प्रयास में वे अक्सर ठगे जाते हैं। ऐसे ही ना जाने कितने सपनों को चकनाचूर करने वाले गिरोह के चार सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
बताते हैं कि गिरोह का सरगना कपिल कश्यप अपने साथी सरपंच प्रतिनिधि ईश्वर चौहान और तथाकथित पत्रकार गुरु दिव्य शंकर राजेश पलांगे के साथ मिलकर उन बेरोजगार युवकों की तलाश करते थे जो सरकारी नौकरी की चाह रखते हैं। फिर उन्हें सरकारी नौकरी दिलाने का प्रलोभन देकर उनके दिमाग में यह बात उतारी जाती थी कि कपिल गोस्वामी का संपर्क सभी सरकारी विभागों के बड़े-बड़े अधिकारियों से है और वह चाहे तो उन्हें सरकारी नौकरी लगा सकता है। इन बेरोजगार युवकों को झांसे में लेने के लिए गिरोह का सरगना कपिल गोस्वामी महंगी इनोवा गाड़ी में अपने साथ ड्राइवर और बॉडीगार्ड लेकर घूमता था। जब युवक उसे देखते तो फिर उसे प्रभावशाली व्यक्ति समझ कर झांसे में आ जाते। फिर सरकारी नौकरी के नाम पर उन्हें मोटी रकम बताई जाती। सरकारी नौकरी और उज्जवल भविष्य की इच्छा के साथ यह लोग अपने रिश्तेदारों , जान पहचान के लोगों से उधार लेकर घर , जमीन, जेवर, गिरवी रखकर इन्हें रुपए देते थे। फिर गिरोह द्वारा युवाओं को फर्जी नियुक्ति प्रमाण पत्र दिखाकर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के नाम पर उनकी ओरिजिनल डॉक्यूमेंट रखकर फर्जी नियुक्ति पत्र दिए जाते थे।
यह गिरोह न जाने अब तक कितने लोगों को शिकार बन चुका है। खासकर इन लोगों ने जांजगीर चाम्पा, बिलासपुर, सक्ति, रायपुर , बलौदा जिले के लगभग 25 से 30 युवकों को धोखा देकर अपना शिकार बनाया है। गिरोह की हिम्मत इतनी कि उन्होंने पुलिस में नौकरी लगाने के नाम पर युवक को एसपी कार्यालय बिलासपुर बुलाकर उसे फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिया , जिससे वे बिलासपुर पुलिस की नजर में आ गए। पुलिस ने सबसे पहले गिरोह के सरगना अकलतरा निवासी कपिल गोस्वामी उर्फ कपिलेश्वर को पकड़ा। पता चला कि वह पहले भी लोगों को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने के आरोप में जेल जा चुका है। फिर तो पुलिस ने उसके साथी कथित पत्रकार गुरु शंकर दिव्य, जैजैपुर निवासी राजेश पलांगे और उसलापुर निवासी पुरुषोत्तम तिवारी को भी धर दबोचा, जिनके पास से 13 लाख रुपए नगद, इनोवा कार , 7 मोबाइल जप्त किए गए ।पुलिस ने उनके बैंक अकाउंट में मौजूद 3 लाख रुपये फ्रिज करवा दिया है । इनके पास से बड़ी संख्या में फर्जी नियुक्ति पत्र और फर्जी सेवा पुस्तिका भी बरामद हुआ है।
वैसे तो इन लोगों ने न जाने कितने बेरोजगार युवकों को निशाना बनाया लेकिन इनके द्वारा संजीत टंडन नाम के बेरोजगार युवक को पुलिस में नौकरी दिलाने के नाम पर बिलासपुर एसपी कार्यालय बुलाकर फर्जी नियुक्ति पत्र दी गई जिसका खुलासा होने पर बिलासपुर पुलिस ने सीसीटीवी की मदद से कपिल गोस्वामी की पहचान की और पूरे मामले की परत उतरती चली गई । अब तक पुलिस को जानकारी मिली है कि हसौद निवासी गोविंद चंद्र, पचपेड़ी निवासी नंदकुमार शांडिल्य, ध्रुवकारी निवासी नीतीश कुमार भारद्वाज आदि ने कपिल गोस्वामी और उसके साथी शंकर दिव्या ईश्वर चौहान आदि को 22-22 लाख रुपए अलग-अलग नौकरी के नाम पर दिए थे। पुलिस ने फिलहाल 4 मामले दर्ज किए हैं लेकिन उम्मीद की जा रही है कि कुल मामलों की संख्या 30 से भी अधिक होगी। साथ ही पुलिस ने बेरोजगारों को भी आगाह किया है कि सरकारी नौकरी इस तरह से नहीं मिलती , इसलिए किसी भी ऐरे गैरे के झांसे में आकर अपने जीवन भर की पूंजी गंवाने से बेहतर है कि उस पूंजी का इस्तेमाल किसी व्यवसाय के लिए करें क्योंकि रोजगार का मतलब सिर्फ सरकारी नौकरी नहीं होती।