दुर्गा अष्टमी और रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती पर आयोजित पथ संचलन कार्यक्रम में शामिल विशिष्ट अतिथि आचार्य दिनेश ने मातृ शक्तियों को बताया दुर्गा स्वरूपा

दुर्गा अष्टमी और रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती पर विश्व हिंदू परिषद और दुर्गा वाहिनी द्वारा रानी दुर्गावती मान वंदन पथ संचलन आयोजित किया गया । देवकीनंदन दीक्षित कन्या शाला से 800 से अधिक गणवेश धारी बहने पथ संचलन में निकली, जो सदर बाजार, गोल बाजार शनिचरी, गोड़पारा, रिवरव्यू होते हुए वापस देवकीनंदन शाला पहुंची।
इससे पहले छात्राओं और युवतियों ने स्कूल में दंड और शस्त्र प्रदर्शन किया। इस अवसर पर रानी दुर्गावती और अहिल्या देवी की शौर्य गाथाएं सुना कर मातृशक्ति में उत्साह का संचार किया गया। कार्यक्रम में प्रशंसा तिवारी ने भजन की प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय सह संगठन महामंत्री विनायक राव, मुख्य अतिथि सुनीता ध्रुव, अखिल भारतीय संत समिति धर्म समाज छत्तीसगढ़ प्रमुख आचार्य दिनेश चंद्र महाराज, प्राचार्य रेणुका पिंगले, मातृशक्ति प्रांत संयोजक रंजीता दास, सहसंयोजक प्रीति दुबे आदि रही।


मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए विहिप के केंद्रीय सह संगठन महामंत्री विनायक राव ने कहा कि मां दुर्गा हम सब की आदर्श है। भारत की हर नारी को मां दुर्गा जैसा बनना चाहिए, जिसका व्यापक प्रचार प्रसार आवश्यक है। विहिप नारी सम्मान का समर्थक रहा है। उन्होंने कहा कि पुरुष और महिला में कोई भेद नहीं होना चाहिए । उन्होंने अपने दावे से संबंधित कई उदाहरण दिए।


इस मौके पर मुख्य अतिथि आचार्य दिनेश चंद्र महाराज ने मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों और उनकी शक्तियों का उल्लेख करते हुए सभी मातृ शक्तियों को दुर्गा स्वरूपा बताया। उन्होंने जानकारी दी कि नवरात्र में मां के किस-किस स्वरूप की आराधना करने से किस फल की प्राप्ति होती है। उन्होंने मातृ शक्तियो को प्रणाम करते हुए सभी को श्री पीतांबरा पीठ दर्शन करने आने आमंत्रण दिया। आचार्य दिनेश ने महिलाओं को उनके अधिकारों की जानकारी देते हुए इसके प्रति जागरूक होने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि आज की बात नहीं है इतिहास में भी भारतीय नारी की वीरता विश्व प्रसिद्ध रही है। देवी दुर्गा को शक्ति का प्रतीक माना जाता है ।ऐसी ही वीरांगना रानी दुर्गावती ने गोंडवाना राज्य का नेतृत्व किया। राज्य की रक्षा के लिए उन्होंने मुगल आक्रांतों के साथ वीरता से लड़ाई लड़ी ।उनके इसी पराक्रम एवं साहस की गाथा को जन- जन तक पहुंचाने के लिए इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
इस अवसर पर सफेद सलवार कुर्ता और केसरिया चुन्नी के साथ दुर्गा वाहिनी की बहनों ने पथ संचालन कर सनातन को मजबूत करने की दिशा में अपनी भागीदारी दर्शायी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!