

भारत माता आंग्ल माध्यम शाला में किशोरावस्था के भावनात्मक मुद्दे और उनका प्रबंधन पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला को डॉ रंजीता क्लिनिकल साईकोलोजी की विभागाध्यक्ष व सहायक प्राध्यापक के सेंट्रल इंडिया इंस्टिट्यूट देवाडा, राजनांदगांव ने बच्चो और पालकों को संबोधित किया। इस कार्यशाला में बच्चो को विभिन्न उदाहरणों द्वारा भावनात्मक मुद्दों के प्रबंधन पर प्रकाश डाला गया। किशोरावस्था में हमारे व्यवहार में परिवर्तन आने का मुख्य कारण हार्मोन में परिवर्तन आना है।जिसके कारण अगर पालक बच्चों की ओर ध्यान न दे रहे हो तो जरूर ध्यान दे और उनके हिसाब से उनके दृष्टि से उनकी समस्याओं को समझ कर उन्हें सही दिशानिर्देश प्रदान कर उनके समस्याओं को सुलझाने में उनकी सहायता करे।

इस कार्यशाला में बच्चो को , शिक्षकों को एवं पालकों को एक साथ एक दूसरे के भावनात्मक विचारों को समझते हुए एक दूसरे के प्रति परस्पर आचरण करते हुए एक शांतिपूर्ण तरीके से विभिन्न समस्याओं को सुलझाने के लिए प्रेरित किया गया।इस अवसर पर शाला के प्राचार्य फादर सलीन पी ने बच्चो को प्रेरित किया कि वे अपने समस्या को अपने पालकों से साझा करें और पालकों को बताया कि वो अपने बच्चों को समय दे और उनकी बातों को ध्यान से सुने और उनकी समस्या को हल करने में उनकी सहायता करे। इस कार्यशाला को सफल बनाने में भारत माता आंग्ल माध्यम शाला परिवार के सभी शिक्षक शिक्षिकाओं का सहयोग प्राप्त हुआ।

