आकाश दत्त मिश्रा
ईद मिलाद के मौके पर कुछ लोगों ने तार बाहर क्षेत्र में विशालकाय फिलिस्तीन का झंडा लगा दिया। लोगों की नजर इस पर पड़ी तो फिर बवाल हो गया। राष्ट्रवादियों द्वारा इसका विरोध किए जाने के बाद गृह मंत्री के आदेश से तार बाहर थाना प्रभारी भी बदल दिए गए, तो वहीं 5 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
मौका ईद मिलाद का था। जाहिर है फिलिस्तीन में भी यह पर्व मनाया गया होगा। बड़ा सवाल यह है कि क्या उस मौके पर वहां भारत का तिरंगा फहराया गया ? अगर नहीं तो फिर भारत में ईद मिलाद पर फिलिस्तीन का झंडा फहराने का क्या तुक है ? बताया जा रहा है कि ईद मिलाद के पूर्व की रात में तारबाहर क्षेत्र के कुछ उपद्रवियों ने योजनाबद्ध तरीके से तारबाहर खुदीराम बोस चौक सड़क चोट्टा पारा के पास कई स्थानों में विशालकाय फिलिस्तीन का झंडा लगा दिया। भारतीय झंडा संहिता 2002 की धारा 2 के अनुसार बिना किसी ठोस कारण और प्रशासन की अनुमति के बिना किसी दूसरे देश का झंडा लगाना अपराध है।
जब से फिलिस्तीन और इजरायल के बीच युद्ध छिड़ा है तब से देश के कई हिस्सों में फिलिस्तीन का इसी तरह समर्थन कर बेवजह विवाद को जन्म दिया जा रहा है, जबकि औपचारिक रूप से भारत का मित्र देश इजराइल है । एक दिन पहले ही फिलिस्तीनों ने स्वयं कहा कि उन पर इसराइल और हमास द्वारा बराबर हमले किए जा रहे हैं। भारत इस पूरे मामले में तटस्थ हैं। ऐसे में बिलासपुर में ईद जैसे संवेदनशील अवसर पर फिलिस्तीन का झंडा लहराने से हंगामा मच गया। हिंदूवादी और राष्ट्रवादी लोगों की नजर जैसे ही इस पर पड़ी तो फिर बवाल मच गया। बड़ी संख्या में संगठन से जुड़े लोगों ने तार बाहर थाने पहुंचकर विरोध दर्ज कराया। जिनका दावा है कि बिलासपुर में भी पीएफआई का स्लीपर सेल सक्रिय है और वही इस तरह की घटनाओं का अंजाम देकर बिलासपुर के शांति और सौहार्द को खराब करना चाहता है।
विरोध कर रहे लोगों ने कहा कि दोषियों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज कर कड़ी से कड़ी सजा देने की जरूरत है। कुछ लोगों ने बुलडोजर कार्रवाई की भी मांग की। विरोध करने वालों ने कहा कि जिनके इशारों पर यह सब किया गया है उन्हें और जिनके घर पर इस तरह का झंडा लगाया गया है उनके खिलाफ भी सख्त कार्यवाही होनी चाहिए।
तारबाहर क्षेत्र के कुछ युवकों ने फिलिस्तीन का झंडा लगाया, जिस पर मुस्लिम समाज का भी एक बड़ा वर्ग ना खुश है, तो वही थाने पहुंचकर कुछ महिलाएं इन अपराधियों को नादान बच्चे बताने लगी, जिससे लोगों का गुस्सा और भड़क गया। पुलिस ने दोनों पक्षो को शांत कराया और दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की बात कही।
इधर खबर है कि इस घटना से नाराज गृहमंत्री के आदेश पर तारबाहर थाना प्रभारी बदल दिए गए हैं। एक दिन पहले ही पुलिस ने पूरे क्षेत्र में पैदल गश्त किया था। इसके बावजूद उन्हें यह झंडा नजर नहीं आया। इस कारण से तार बाहर थाना प्रभारी गोपाल सतपति के स्थान पर जेपी गुप्ता को थाना प्रभारी बनाया गया है। वहीं पुलिस ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही है।
इस मामले में पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है, तो वहीं इस पूरे घटनाक्रम के पीछे जिनकी भूमिका है, उसकी जानकारी जुटाकर उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की बात कही गई है। पुलिस ने बीएनएस की धारा 197 (2) के तहत मामला दर्ज किया है । पुलिस ने इस मामले में शेख समीर , सोहेब, फिदेल अजीम तथा एक और शेख समीर को गिरफ्तार किया है
ईद मिलाद के साथ बिलासपुर में अनंत चतुर्दशी और विश्वकर्मा जयंती का पर्व मनाया जा रहा है । गणेश चतुर्थी या विश्वकर्मा जयंती पर कहीं भी किसी दूसरे देश का झंडा नहीं लगाया गया। ऐसे में ईद पर इस तरह का झंडा लगाकर जो संदेश देने का प्रयास किया गया है, उसे लेकर जबरदस्त विरोध नजर आया। विरोध कर रहे लोगों ने कहा कि देश हमेशा धर्म से पहले है और इस तरह की हरकत कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी । अगर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो फिर इस मुद्दे पर उग्र आंदोलन किया जाएगा।