



सुप्रसिद्ध कथा वाचक श्री मज्जगदगुरू रामानुजाचर्य अयोध्या स्थित उत्तर तोताद्रि मठ पीठाधीश्वर स्वामी अनंताचार्य जी महाराज ने व्यास पीठ से परीक्षित के जी के जन्म और शुकदेव जी के आगमन, सती अग्नि प्रवेश और महादेव द्वारा दक्ष यज्ञ की पूर्ति से जुड़े प्रसंग सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस दौरान व्यास पीठ से पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया। श्रोतागण …. ‘आओ इस धरती को बचा लें हम, एक अच्छी आदत को अपना लें हम’,‘भगवान सदा संग है अपने, एक वो ही सच्चा साथी है’ सरीखे भजनों पर झूमते नजर आए।

वाचक श्री मज्जगदगुरू रामानुजाचर्य अयोध्या स्थित उत्तर तोताद्रि मठ पीठाधीश्वर स्वामी अनंताचार्य जी महाराज ने कहा कि भक्ति एक ऐसा उत्तम निवेश है, जो जीवन की परेशानियों का उत्तम समाधान देती है और जीवन के बाद मोक्ष भी सुनिश्चित करती है। परीक्षित कलयुग के प्रभाव के कारण श्रापित हो जाते हैं। शुकदेव महाराज उनके पास जाते हैं। उनके चहरे पर उदासी देखकर शुकदेव महाराज उन्हें सवाल पूछने के लिए कहते हैं। उनके हर सवाल के जवाब में शुकदेव महाराज उन्हें प्रभु कृष्ण की लीलाएं सुनाते हैं। जिसे सुनकर परीक्षित के जीवन में बांके बिहारी की कृपा हुई।