आकाश मिश्रा
रेलवे में अप्रेंटिस के तौर पर काम कर रहा मशीनिस्ट बिजली की चपेट में आ गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। उसका साथी भी इस दुर्घटना में चोटिल हुआ है। घटना सोमवार रात की बताई जा रही है, जब बिलासपुर के तार बाहर स्थित रेलवे बीसीएन डिपो में जलगांव भुसावल का रहने वाला 22 वर्षीय प्रसाद गजानन काले अपने सहकर्मी प्रणव कुमार के साथ बिजली का काम कर रहा था। इसी दौरान बोगी में करंट आ जाने से वह चपेट में आ गया, जिससे उसकी मौत हो गई। इधर इस घटना को लेकर उसके सहकर्मियों ने हंगामा मचा दिया, जिनका कहना है कि पर्याप्त सुरक्षा उपकरणों के बगैर मामूली रकम देखकर उनके जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। यह लोग परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी दिए जाने, पर्याप्त मुआवजा और अन्य कर्मचारियों के सुरक्षा की मांग कर रहे थे। हंगामें के बाद एडीआरएम ने मौके पर पहुंच कर भीड़ को शांत कराया।
आरोप है कि में अप्रेंटिस को रेलवे द्वारा पर्याप्त सुरक्षा उपकरण नहीं दिए जाते।
प्रसाद गजानन के सहकर्मियों का आरोप है कि रेलवे द्वारा उन्हें बेहद मामूली मेहनताना देकर जोखिम का काम कराया जाता है। उन्हें पर्याप्त सुरक्षा उपकरण तक नहीं दिए जाते। महीने में केवल एक बार ग्लब्स किया जाता है जबकि वह दो-तीन दिन में ही फट जाता है। इन कर्मचारियों का बीमा भी नहीं होता। नियमानुसार टेक्नीशियन की देखरेख में अप्रेंटिस को काम करना होता है लेकिन अक्सर टेक्नीशियन वहां मौजूद ही नहीं होते। इसी वजह से प्रसाद गजानन काले की मौत हुई है, जिससे उनके साथियों का आक्रोश फूट पड़ा । घटना के बारे में जानकारी देते हुए प्रसाद के सहकर्मी प्रणव ने बताया कि दोनों रात में काम कर रहे थे। वहां मौके पर अधिकारी भी नहीं थे, इसी दौरान दोनों दुर्घटना का शिकार हो गए, जिसमें प्रसाद की जान चली गई
इधर मंगलवार को इस घटना से आक्रोशित अप्रेंटिस ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद अधिकारी भागे चले आए और उन्होंने इस पूरे मामले में छानबीन और विभागीय जांच की बात कही। इस दौरान एडीआरएम ने आंदोलनकारियो से चर्चा कर उन्हें शांत कराया।
होती रही बेवजह की राजनीति
रेलवे में किसी भी अप्रेंटिस को जबरन काम नहीं कराया जाता। ये सभी अपनी मर्जी से आए हैं लेकिन प्रसाद गजानन की दुर्भाग्य जनक मौत के बाद इनमें से अधिकांश अपनी राजनीतिक और स्वार्थ की रोटी सेंकने में लग गए। अधिकांश को ना तो घटना के बारे में कोई जानकारी थी ना ही अधिकारी से क्या बात हुई यह उन्हें पता था, लेकिन वे आपदा में अवसर ढूंढते जरूर नजर आए
रेलवे बीसीएन डिपो में हुए दुर्भाग्य जनक घटना में 22 वर्षीय अप्रेंटिस प्रसाद गजानन काले की दुर्भाग्य जनक मौत हो गई, जिससे विभाग में मातम है , वहीं उनके साथी उनके परिवार के किसी सदस्य को सरकारी नौकरी देने, पर्याप्त मुआवजा देने और अन्य कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण देने की मांग कर रहे हैं। और हर बार की तरह अधिकारी जांच और कार्यवाही का झुनझुना पकड़ाते नजर आए। कर्मचारियों ने दावा किया कि बिलासपुर में ही पिछले 15 दिनों में इस वजह से दो मौत हो चुकी है और भारत में 4, इन्होंने कहा कि मात्र ₹7000 देकर उनके जान से खिलवाड़ किया जा रहा है, जबकि इन्हीं के कुछ साथी यह कहते नजर आये कि 40- 45 हजार देकर उन्हें खटाया जा रहा है। इस दुर्घटना के बाद रेलवे अधिकारी मामले में लीपापोती करते नजर आए तो वहीं उनके सहकर्मीयो में अपने साथी के प्रति सहानुभूति कम और खुद के लिए चिंता अधिक नजर आई, जिनका कहना है कि अधिकारी उनका नंबर काट देने की धमकी देकर उनसे जोखिम का काम करवाते हैं।