आकाश मिश्रा
चांटीडीह के मेला पारा में अवैध रूप से काबिज बस्ती को खाली कराया जा रहा है। यहां रहने वाले लोगों को आवास अलॉट कर दिया गया है। इसके बावजूद अधिकांश लोग या तो उन्हें किराए पर उठा चुके थे या फिर उन्हें बेचकर यहां रह रहे थे। इस बार पुख्ता तैयारी के साथ पहुंची टीम ने एक-एक कर 700 मकान खाली कराते हुए विस्थापितों का पुनर्वास कराया, तो वही विरोध कर रहे लोगों के लिए भी लगातार प्रयास किया जा रहे हैं।
पता चला कि यहां ऐसे बहुत सारे लोग थे जो किराए में रह रहे थे। वह भी अब खुद को बेघर बताते सरकारी आवास की मांग कर रहे हैं। निगम के अधिकारी पहले ही बता चुके हैं कि ऐसे लोगों का पुनर्वास नहीं हो सकता। इसके बावजूद तरह-तरह से विरोध किया जा रहा है। कभी कानून तोड़कर चक्का जाम कर दिया जाता है तो कभी निगम के कर्मचारियों पर हमले किए जाते हैं।
बुधवार को उस समय अजीब स्थिति पैदा हो गई जब कार्यवाही कर रहे बुलडोजर पर कुछ युवक पत्थर बाजी करने लगे । पत्थर बाजी की यह चिरपरिचित शैली काफी कुछ संकेत दे रही है। अचानक कोई पत्थर बाजी से बुलडोजर में लगे कांच टूट गए तो वहीं कर्मचारियों को भी चोट आई, जो हड़बड़ा कर भाग खड़े हुए । यहां निगम के अमले और पुलिस की मौजूदगी के बाद भी कुछ लोग पत्थरबाजी करने से बाज नहीं आए और पुलिस उन्हें पकड़ भी नहीं पाई।
असल में इस पूरे क्षेत्र को खाली कराया जा रहा है लेकिन फिर भी इस इलाके के एक खास क्षेत्र को बख्श दिया गया है। बुधवार को सरकारी कर्मचारियों के कार्य में बाधा पहुंचाते हुए हमले किए गए, लेकिन पुलिस किसी को भी नहीं पकड़ पाई। बाद में पुलिस की पहरेदारी में करवाई फिर से शुरू हुई, लेकिन इस घटना से निगम के कर्मचारी डरे सहमे हुए हैं।