


श्री पीताम्बरा पीठ त्रिदेव मंदिर सुभाष चौक सरकण्डा बिलासपुर छत्तीसगढ़ में बगलामुखी जयंती के पावन पर्व पर धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन 14 मई 2024 से प्रारंभ हो गया है जिसमे रात्रिकालीन पीताम्बरा हवनात्मक महायज्ञ भी चल रहा है।जिसकी पूर्णाहुति दस दिगपाल एवं क्षेत्रपाल बली के साथ रात्रिकालीन संपन्न हुआ।इस पावन पर्व पर प्रतिदिन माँ श्री ब्रह्मशक्ति बगलामुखी देवी का विशेष पूजन,श्रृंगार, देवाधिदेव महादेव श्री शारदेश्वर पारदेश्वर महादेव का प्रातः कालीन रुद्राभिषेक श्री महाकाली महालक्ष्मी महासरस्वती राजराजेश्वरी त्रिपुरसुंदरी देवी का श्री सूक्त षोडश मंत्र द्वारा दूधधारिया पूर्वक अभिषेक,परमब्रह्म मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम जी का पूजन श्रृंगार एवं रात्रि कालीन हवनात्मक महायज्ञ किया जा रहा था।इस अवसर पर बेंगलुरु से पधारे श्री पीयूष प्रकाश श्रीमती शालू प्रकाश पीतांबरा यज्ञ के प्रधान यजमान,श्री तोखन साहू बिलासपुर लोकसभा भाजपा सांसद प्रत्याशी, श्री देवेंद्र आराधना मिश्रा, श्री आलोक श्रीवास्तव, श्री बी. रमेश कुमार , ब्रह्मचारी मधुसूदन पाण्डेय,श्रीमती लक्ष्मी देवी पाण्डेय,श्री दीपेश अमिता पाण्डेय,केसरी नंदन पाण्डेय,अंकिता पाण्डेय,अपराजिता पाण्डेय,गौरी पाण्डेय,पं. दुर्गेश पाण्डेय,पं.नीतीश पाण्डेय,पं. गौरीशंकर तिवारी, श्री मनोज वंदना शर्मा,श्री यशवंत प्रिया शर्मा,महिमा जाधव,श्री अनमोल झा भाजपा नेता, सुपर्णा सिंह,श्री नितेश अग्रवाल,श्री बृजेश गुप्ता सम्मिलित हुए।

पीताम्बरा पीठाधीश्वर आचार्य डॉ.दिनेश जी महाराज ने बताया कि सभी देवता माँ पीताम्बरा बगलामुखी देवी की कृपा से संसार बनाते हैं सत्ता और सफलता प्राप्त करते हैं ब्रह्मा जी सृष्टि बनाने मे,विष्णु जी पालन करने में, और शिव जी विसर्जन करने में देवी की कृपा से सफल होते हैं।इसलिए देवी की आरती के समय गाया जाता है कि “जय अंबे गौरी मैया जय श्यामा गौरी तुमको निशदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिवजी” पीठाधीश्वर जी ने कहा कि अन्य पुराणों कार्य-कोटि और कारण-कोटि के मानव,दानव और देवताओं के पुरुषार्थ पराक्रम की और परस्पर हानि-लाभ की चर्चा है।संपूर्ण संसार मां पीताम्बरा के संकल्प से रचित है इसलिए मां के दिए हुए पदार्थों से मां का पूजन अर्चन मां की प्रसन्नता में चार चांद लगा देता है।जिस भी साधक ने समृद्धि, समान और संस्कार पाए हैं वह सभी मां को कृपापात्र है। सभी के शरीर में शक्ति का निवास है परंतु शक्ति, श्रद्धा और सत्संग से प्रकट होता है। जब भी देवता और मानव संकट में पड़े हैं, तब तब देवी ने संकट से बाहर निकाला है। संसार में पृथ्वी जलहरी है, उमा है। पृथ्वी रूपी पार्वती अभिषेक से प्रसन्न होती है शिव साधक को सत्यं शिवं सुन्दरं में सफल बनाती है।