आकाश मिश्रा
इमलीपारा बायपास रोड पर बाधा बन रही 86 दुकानों को हटाने जब निगम की टीम मंगलवार को पहुंची तो व्यापारियों ने यूटर्न ले लिया और टीम का विरोध करने लगे। पुराना बस स्टैंड से अग्रसेन चौक जाने वाली सड़क अति व्यस्त रहती है जिस कारण से इमली पारा सड़क को बाईपास की तरह इस्तेमाल करने की योजना है ।मगर डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा के सामने 80 फीट चौड़ी सड़क कुछ दुकानों की वजह से बेहद सकरी हो जाती है। इसे हटाने की योजना थी लेकिन दुकानदार हाई कोर्ट चले गए थे और वहां से स्टे हासिल कर लिया था। यह मामला काफी दिनों से लंबित था, लेकिन हाई कोर्ट के आदेश के बाद इमली पारा सड़क 80 फीट चौड़ी होने की राह आसान हो गई, क्योंकि कोर्ट ने व्यापारियों की याचिकाओं को खारिज कर दिया।
इस सड़क के मुहाने पर बाधक बन रहे 86 दुकानों को हटाकर उन्हें बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा 10 करोड़ की लागत से बन रहे परिसर में शिफ्ट किया जाना है। करीब 12 साल पुरानी योजना को अमली जामा पहनाने जब निगम के कर्मचारी मंगलवार पहुंचे तो उन्हें दुकानदारों के विरोध का सामना करना पड़ा। इन्हीं व्यापारियों की हठधर्मिता की वजह से बिलासपुर को इमलीपारा रोड का वह लाभ नहीं मिल पा रहा है जिसकी उम्मीद की गई थी ।अगर योजना पूरी हो जाती है तो सत्यम चौक से डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी चौक तक आसानी से पहुंचा जा सकेगा। इससे यातायात सुगम होगी ।
नगर निगम ने व्यवसाईयों के विस्थापन के लिए बस स्टैंड परिसर में लगभग 100 स्थान का लेआउट तैयार किया है। जहां लॉटरी के माध्यम से व्यापारियों को जगह आवंटित की गई है। नगर निगम को उम्मीद थी कि व्यापारी सहयोग करेंगे लेकिन मंगलवार को उनकी उम्मीद उस वक्त चकनाचूर हो गई जब व्यापारियों ने यूटर्न ले लिया ।
दरअसल 80 फुट चौड़ी इस सड़क पर मसानगंज के पास पुलिस के क्वार्टर तथा पुराना बस स्टैंड के पास पूर्व में निर्मित दुकान अवरोध बनी हुई है। अगर इन्हें हटा दिया जाए तो यह रोड एकदम सीधी बन सकती है। तभी इस पर वह किए गए 2 करोड रुपए का वास्तविक लाभ आम लोगों को मिल पाएगा। इसके लिए व्यापारियों ने सहमति भी दे दी थी लेकिन मंगलवार को जब निगम की टीम पहुंची तो व्यापारियों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया ।उन्होंने दलील दी कि बिना नोटिस के उन्हें बेदखल किया जा रहा है। व्यापारियों का कहना है कि जब कोर्ट ने 15 दिन की मोहलत दी है तो निगम के अमले को इतनी हड़बड़ी क्यों है । व्यापारी बिना विस्थापन के खुद को हटाए जाने का भी विरोध कर रहे हैं । व्यापारियों की दलील है कि उन्हें पुराना बस स्टैंड के पास दुकान दी जा रही है जो पहले ही कांग्रेस भवन के लिए आवंटित है। इस पर भविष्य में विवाद होने की आशंका से भी व्यापारी सहमे हुए हैं।
इन व्यापारियों ने हाई कोर्ट में पांच याचिका दायर की थी लेकिन हाई कोर्ट ने इन्हें खारिज करते हुए स्टे खत्म कर दिया। इसके बाद भी व्यापारी अब भी अड़े हुए हैं, जिस वजह से निगम के अमले को मंगलवार को खाली हाथ ही लौटना पड़ा ।कुछ व्यापारियों की जिद के आगे प्रशासन ने हथियार डाल दिए, जिस वजह से शहर की जनता को एक सड़क का लाभ नहीं मिल पा रहा है । जाहिर है इस मामले में निगम को सख्त कदम उठाना होगा नहीं तो व्यापारी इसी तरह कुछ ना कुछ बहाना कर योजना में अड़ंगा लगाते रहेंगे।