श्री सोलापुरी माता पूजा में देवी को अर्पित किया गया 21 प्रकार के व्यंजनों का महाकुंभम भोग ,  वापसी यात्रा के साथ हुआ आयोजन का समापन

रविवार को महाकुंभम पूजा के साथ श्री सोलापुरी माता पूजा उत्सव का समापन हो गया । शाम को वापसी यात्रा निकालकर देवी का प्रतीकात्मक विसर्जन किया गया।
बारह खोली चौक स्टेशन रोड बंगला यार्ड में विगत 10 दिनों से श्री सोलापुरी माता पूजा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा था, यहां दक्षिण भारतीय शैली में देवी के विविध स्वरूपों की स्थापना कर उनकी पूजा अर्चना की गई। आयोजन के अंतिम दिन रविवार को देवी को महाकुंभम का महा भोग अर्पित किया गया। सोलापुरी माता पूजा में देवी के अलग-अलग स्वरूप को प्रतिदिन विविध प्रकार के भोग अर्पित किए जाते हैं लेकिन श्रद्धालुओं को लगता है कि मेहमान के रूप में घर आई माता को अल्प अल्प प्राप्त भोग से वह पूर्ण संतुष्ट नहीं हुई, इसलिए उन्हें अंतिम दिन महाकुंभम के रूप में महाभोग लगाया गया।

इस रविवार को देवी को महा कुंभम का भोग अर्पित किया गया जिसके लिए न्यू बाबू लाइन कॉलोनी स्थित जी षणमुख राव के निवास से मधुसूदन राव और वी मोहिनी के सौजन्य से महाकुंभम शोभायात्रा निकाली गयी, जिसमें महिलाएं थाल में विशालआकार के व्यंजन लेकर गाजे बाजे और आतिशबाजी के साथ पूजा पंडाल पहुंची। देवी को अर्पित करने के लिए विशाल आकार के 21 प्रकार के व्यंजन तैयार किए गए थे जिसमें इडली, दोसा बड़ा , चंद्रकांतालु , पुलियाराम, चना, गुलगुला और अन्य प्रकार के पकवान थे । गाजे बाजे, डफली और आतिशबाजी के साथ इस भोग प्रसाद को लेकर श्रद्धालु पूजा पंडाल पहुंचे, जहां पुजारी पार्थ सारथी ने देवी के समक्ष आसन लगाकर उन्हें यही महाभोग अर्पित किया। देवी के सामने आसन में दो क्विंटल से अधिक चावल की ढेर लगाई गई, जिसमें विविध प्रकार के दक्षिण भारतीय व्यंजन मिश्रित कर ढेर में कपूर प्रज्वलित की गई, तो वहीं यजमान परिवार द्वारा विधिवत पूजा कर यह भोग देवी को अर्पित किया गया।

इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए, जो इस पल के साक्षी बने। सभी ने बताया कि पिछले 10 दिनों से आयोजन का हिस्सा बनने के बाद अब देवी की विदाई से सब का मन व्यथित है।

हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी देवी को महाकुंभम का भोग अर्पित करने के बाद यहां समिति द्वारा विशाल भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें शामिल होकर करीब 5 हजार श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।

वापसी शोभायात्रा

रविवार शाम को ही पूजा पंडाल से वापसी शोभायात्रा निकाली गयी। देवी को लेकर आयोजन समिति और बाल पुजारी उसी मार्ग से वापस त्रिपुर सुंदरी मरी माई मंदिर लौटें, जिस मार्ग से देवी आई थी। देवी को एक बार फिर से उसी भांति विदाई दी गयी। इस अवसर पर वॉयरलैस कॉलोनी, खुदीराम बोस चौक, तारबाहर, गणेश मंदिर चौक, बड़ा गिरजा चौक , कासिमपारा, हेमू नगर आदि स्थानों पर शोभा यात्रा का स्वागत किया गया। देर रात त्रिपुर सुंदरी मां मरी माई मंदिर में देवी का प्रतीकात्मक विसर्जन किया गया।

आयोजन के अंतिम दिन शनिवार को माता के श्यामा काली स्वरूप के दर्शन के लिए विधायक धरमलाल कौशिक, भूपेंद्र सवन्नी आदि पहुंचे, जिन्होंने लकी ड्रॉ निकालकर बच्चों को स्टेशनरी सामग्री और महिलाओं को साड़ी, चांदी का फोटो फ्रेम और सोने की पॉलिश की हुई माता की प्रतिमा भेंट की। सोमवार को कष्ट6 पूजा के साथ आयोजन का समापन होगा। आयोजन समिति के अध्यक्ष वी रामाराव ने बताया कि विसर्जन को अनुशासित ढंग से संपन्न कराने और पंडाल पहुंचे श्रद्धालुओं की सेवा करने में श्री सोलापुरी माता पूजा सेवा समिति के पुरुष और महिला वॉलिंटियर पूरे 10 दिनों तक तत्पर रहे।

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