गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 50 करोड रुपए से अधिक की हुई रजिस्ट्री, वही निगम ने की पहली बार 86 करोड़ की संपत्ति कर वसूली

वित्तीय वर्ष समाप्ति के आखिरी दिन यानी 31 मार्च को जिला पंजीयक कार्यालय बिलासपुर में रात 12 बजे तक रजिस्ट्री होती रही। हालात यह थे कि कार्यालय के अंदर खूब भीड़ थी। अंतिम दिन जिला पंजीयक कार्यालय में 3.50 करोड़ रुपए की रजिस्ट्री हुई। इसके बावजूद लक्ष्य से राजस्व वसूली कुछ कम रह गई।
मार्च के अंतिम दिन जिला पंजीयक कार्यालय में रजिस्ट्री कराने वालों की भीड़ सुबह से थी। आखिरी दिन देखते हुए अन्य दिनों की तुलना में विभाग ने रजिस्ट्री कराने वालों के अधिक टोकन भी जारी किए थे। इसके बावजूद इमरजेंसी रजिस्ट्री कराने वालों ने भी 1500 रुपए विशेष शुल्क देकर रजिस्ट्री कराई। पिछले साल की तुलना में इस साल 50 करोड़ रुपए की रजिस्ट्री अधिक हुई, लेकिन फिर भी लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया।

इधर जमीनों की गाइडलाइन के संबंध में सरकार से नई गाइडलाइन आने में वक्त है। अभी प्रक्रिया चल रही है। यह तय है कि निगम सीमा क्षेत्र में शामिल हुए इलाकों के जमीन की कीमत में बढ़ोतरी होगी। यह बढ़ोतरी कितनी होगी यह गाइडलाइन जारी होने के बाद ही पता चल सकेगा।

इस वर्ष जिला पंजीयक कार्यालय को 350 करोड़ रुपए का लक्ष्य दिया गया था। लेकिन 322 करोड़ रुपए राजस्व वसूली हो पाई।

वहीं पहली बार निगम में 86 करोड़ की टैक्स वसूली

बिलासपुर में पहली बार 86 करोड़ यानी 90% की टैक्स वसूली हुई है। हालांकि संपत्तिकर, समेकितकर, जलकर, यूजर चार्ज, दुकान किराया, होर्डिंग्स शुल्क का अलग-अलग आंकड़ा जोन कार्यालयों से नहीं आया है। निगम अधिकारियों का कहना है कि टैक्स को लेकर मार्च में सख्ती बरती गई। इसका लाभ मिला और एक माह में ही 25 करोड़ से अधिक का टैक्स मिला। शहर और आउटर में डेढ़ लाख से अधिक करदाता हैं। पूर्व में जब स्पायरो की टीम टैक्स वसूलती थी, तब वसूली का आंकड़ा कभी 65% से अधिक नहीं हुआ। स्पायरो का ठेका समाप्त होने के बाद निगम की टीम ही टैक्स वसूल रही है। शुरुआत में टैक्स वसूली की रफ्तार धीमी थी। लेकिन आखिरी दिन तक लक्ष्य से अधिक टैक्स वसूल कर लिया गया।

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