गुरुवार को राटा पूजा के साथ श्री श्री सोलापुरी माता पूजा का होगा शुभारंभ, शुक्रवार को निकलेगी शोभायात्रा

श्री श्री सोलापुरी माता पूजा सेवा समिति के आयोजन श्री सोलापुरी माता पूजा का शुभारंभ इस गुरुवार राटा पूजा के साथ होगा। आयोजन का यह 24 वा वर्ष है । आयोजन के लिए खड़कपुर से पुजारी पार्थ सारथी और उनकी टीम बिलासपुर पहुंच चुकी है, जिनके द्वारा गुरुवार सुबह वॉयरलैस कॉलोनी में रहने वाले टी वेंकट राव और टी लक्ष्मी के निवास स्थान पर सुबह विशेष पूजा अर्चना की जाएगी। इसके बाद गाजे बाजे के साथ पूजा पंडाल की ओर शोभायात्रा निकलेगी। इस शोभायात्रा में महिलाएं सर पर पवित्र हल्दी नीम मिश्रित जल लेकर चलेंगी तो वहीं शोभायात्रा के साथ काली डांस ग्रुप भी होगा। आतिशबाजी, गाजे बाजे के साथ यह शोभायात्रा रेलवे क्षेत्र का भ्रमण करते हुए आयोजन स्थल पहुंचेगी, जहां पुजारी पार्थ सारथी काष्ठ पूजा यानी राटा पूजा संपन्न करेंगे। मान्यता है कि सोलापुरी मां की बहनों में से एकमात्र भाई पोत राजू घुमंतू प्रवृत्ति की है, इसलिए माताएं चाहती है कि उनकी पूजा अर्चना के समय पूरे दिन पोत राजू उनके ही समक्ष रहे, इसलिए काष्ठ पूजा के पश्चात आयोजन स्थल के समक्ष पोत राजू की स्थापना की जाएगी, जहां महिलाएं प्रतिदिन पवित्र जल से उन्हें स्नान कराएंगी

परिवर्तित स्थल पर हो रहा आयोजन

रेलवे द्वारा विभिन्न विकास कार्यों के कारण वह स्थल बेहद छोटा हो गया है, जहां 23 वर्षों से सोलापुरी माता पूजा का आयोजन किया जा रहा था। इस कारण से अब समीप ही 12 खोली चौक पर अन्य स्थान पर यह आयोजन किया जा रहा है। यह स्थान पहले की अपेक्षा विशाल होने से यहां भव्य पंडाल बनाकर आयोजन को और भी सुचारू रूप से संपन्न होने की बात आयोजन समिति के अध्यक्ष वी रामा राव ने के ही है।

शुक्रवार को निकलेगी शोभायात्रा

आयोजन समिति के अध्यक्ष रामाराव और सचिव एस सांई भास्कर ने बताया कि शुक्रवार 19 अप्रैल शाम करीब 6:00 बजे मरी माई मंदिर लोको कॉलोनी से देवी प्रतिमा के साथ शोभायात्रा नगर भवन पर निकलेगी। इस अवसर पर पूरे रेलवे क्षेत्र में माता का स्वागत किया जाएगा। वहीं देर रात आयोजन स्थल पहुंचकर देवी की स्थापना होगी, जहां आगामी 28 अप्रैल तक मां के अलग-अलग स्वरूप की पूजा अर्चना की जाएगी। इस दौरान प्रतिदिन अलग-अलग प्रकार के भोग मां को अर्पित कर प्रसाद स्वरूप उन्हें वितरित किया जाएगा।

गीली हल्दी का है महत्व

सोलापुरी माता पूजा के अवसर पर पुजारी पार्थ सारथी प्रतिदिन गीली हल्दी से देवी के अलग-अलग स्वरूप की रचना करेंगे, जिनकी पूजा अर्चना के पश्चात इन हल्दियों को श्रद्धालुओं के बीच वितरित किया जाएगा। मान्यता है कि यह हल्दी बहुत पवित्र होती है और किसी भी शुभ एवं मांगलिक कार्य में इनका उपयोग शुभ फलदाई होता है।
आयोजन समिति के अध्यक्ष वी रामा राव ने सभी से आग्रह किया है कि वे राटा पूजा और सोलापुरी माता पूजा में सम्मिलित होकर देवी का आशीर्वाद प्राप्त करें।

यह है मान्यता

मान्यता है कि मां सोलापुरी के विविध स्वरूपों की स्थापना कर पूजा अर्चना करने से पूरे क्षेत्र में शीतलता आती है और ग्रीष्म ऋतु में होने वाले ज्वर , चेचक आदि से मुक्ति मिलती है , तो वही आसुरी शक्तियों का भी माता विनाश करती है। आयोजन समिति के अध्यक्ष पूर्व पार्षद एवं कोरबा विधानसभा प्रभारी वी रामा राव ने जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष पूर्व आयोजन स्थल दुर्गा मंदिर परिसर में रेलवे द्वारा निर्माण कार्य किए जाने के बाद स्थापना काल के बाद पहली बार यह आयोजन निर्धारित स्थान की बजाय पास ही में अन्य स्थल पर किया जा रहा है, जहां तैयारी आरंभ हो चुकी है।

आयोजन समिति द्वारा 12 अप्रैल गुरुवार को राटा पूजा शोभायात्रा निकालकर काष्ठ पूजा की जाएगी। वॉयरलैस कॉलोनी निवासी टी वेंकट राव एवं श्रीमती टी लक्ष्मी के निवास स्थान से प्रातः 8:30 बजे आतिशबाजी, गाजे बाजे और काली नृत्य के साथ शोभायात्रा निकलकर आयोजन स्थल पहुंचेगी, जहां काष्ठ पूजा कर पोतराजू की स्थापना होगी। मान्यता है कि माँ सोलापुरी की सात बहनों के एक मात्र भाई पोतराजू माता को बेहद प्रिय है , चूंकि पोतराजू घुमक्कड़ प्रवृत्ति के हैं इसलिए माताएं चाहती है कि उनकी पूजा अर्चना के दौरान पूरे समय पोतराजू उनकी ही नजरों के सामने रहे, इसीलिए पंडाल के सामने पोत राजू की स्थापना की जाएगी, जहां प्रतिदिन महिलाएं हल्दी नीम युक्त से उन्हें स्नान करावेगी। तो वहीं शुक्रवार 19 अप्रैल को लोको कॉलोनी स्थित श्री मरिमाई माता मंदिर से विशाल शोभायात्रा निकलेगी जिसमें बाल पुजारी अपने शीश पर माता की प्रतिभा धारण कर पूरे रेलवे क्षेत्र का भ्रमण करते हुए देर रात आयोजन स्थल पहुंचेंगे। इस दौरान पूरे क्षेत्र में सड़क पर झाड़ू लगाकर उसकी सफाई की जाएगी। जल का छिड़काव किया जाएगा। महिलाएं साड़ी एवं वस्त्र बिछाकर शोभायात्रा का स्वागत करेंगी तो वहीं सड़क पर लेट कर शोभा यात्रा को अपने ऊपर से गुजरने दिया जाएगा। मान्यता है कि ऐसा करने से मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस अवसर पर जगह-जगह नीम के तोरण द्वार बनाकर शोभायात्रा का स्वागत किया जाएगा तो वही शोभायात्रा में शामिल श्रद्धालुओं को फल प्रसाद शरबत आदि का वितरण होगा।

आयोजन समिति के सचिव एवं पार्षद एस सांई भास्कर ने बताया कि इस वर्ष नए स्थान पर आयोजन की तैयारी आरंभ हो चुकी है, जहां विगत वर्षों की अपेक्षा और भी भव्य पंडाल बनाया जा रहा है। पूर्व आयोजन स्थल से यह स्थल बड़ा और खुला होने से इस वर्ष आयोजन को और भव्यता प्रदान किया जा रहा है। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी खड़गपुर से आमंत्रित पुजारी पार्थ सारथी और बाल पुजारी द्वारा प्रतिदिन गीली हल्दी से मां के अलग-अलग स्वरूपों का निर्माण कर उनकी स्थापना की जाएगी। आयोजन समिति का प्रयास है कि यहां इस वर्ष उन देवी स्वरूपों की स्थापना हो जिनके दर्शन अब तक बिलासपुर वासियों ने नहीं किए हैं , तो वही इस आयोजन को एक अलग ऊंचाई देने के लिए हर वर्ष की भांति खड़गपुर से ही आने वाले भोग प्रसाद बनाने वाले विशेष रसोइए भास्कर उर्फ ब्रूसली और उनके साथी हर दिन माता को अर्पित करने के लिए अलग-अलग प्रकार के पारंपरिक भोग प्रसाद का निर्माण करेंगे।

इनका मिल रहा साथ

श्री सोलापुरी माता पूजा समिति द्वारा आयोजन के 24वें वर्ष में आयोजन को नई ऊंचाई देने के प्रयास में आयोजन समिति के अध्यक्ष वी रामाराव, सचिव एस सांई भास्कर, कोषाध्यक्ष बी शंकर राव, टी गिरधर राव, सी नवीन कुमार, एल श्रीनिवास , डी भास्कर राव ,आर रवि शंकर , बी शंकर राव, प्रवीण कुमार ,जी गौरव शंकर , बी अन्नपूर्णा, बी गौरी, ज्योति देव, सांई दिव्या , भवानी, सांई कमल वर्षा रूही सुमन अंजलि सोना ,जी गीत डी लक्ष्मी आदि जुटे हुए हैं।

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