कांग्रेस में बगावत की परंपरा नहीं है लेकिन फिर भी बिलासपुर से दुर्ग विधायक देवेंद्र यादव को कांग्रेस का टिकट मिलने से जगदीश कौशिक नाराज हो गए थे। लेकिन शुक्रवार को उन्होंने अपना अनशन तोड़ दिया। बिलासपुर से टिकट की आस लगाए बोदरी नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष जगदीश कौशिक ने बुधवार सुबह 10:00 बजे से कांग्रेस भवन के सामने आमरण अनशन शुरू कर दिया था। वे पिछले तीन दिनों से धरने पर बैठे थे। इस बीच कांग्रेस के बड़े नेताओं ने भी उन्हें मनाने की खुब कोशिश की। जिला कांग्रेस कमेटी के शहर अध्यक्ष विजय पांडे और ग्रामीण अध्यक्ष विजय केसरवानी ने मान मनौव्वल की लेकिन वे नहीं माने । कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव भी उन्हें मनाने पहुंचे लेकिन वे अडिग रहे। शुक्रवार सुबह जगदीश कौशिक की पत्नी भी अपने दो बेटों के साथ कांग्रेस भवन पहुंच गई और अनशन करने की चेतावनी देने लगी। जगदीश कौशिक की पत्नी ने कहा कि अगर उनके पति को कुछ हो जाता है तो इसकी जिम्मेदारी कांग्रेस की होगी। इसकी जानकारी होते ही कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष विजय केसरवानी एयरपोर्ट के रास्ते से ही वापस कांग्रेस भवन लौट आए और इस मुद्दे को लेकर सीनियर नेताओं से बातचीत की। उन्हें आश्वश्त किया गया कि अगर उन्हें लोकसभा का टिकट नहीं भी मिला तो उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाएगी । इसके बाद वे अपना अनशन खत्म करने को तैयार हो गए। इसके बाद ग्रामीण अध्यक्ष विजय केसरवानी ने अपने हाथों से जूस पिलाकर उनका अनशन समाप्त करवाया ।
इधर जगदीश कौशिक के अनशन खत्म होने की खबर पाकर लोकसभा प्रत्याशी और भिलाई विधायक देवेंद्र यादव भी अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस भवन पहुंचे। उन्होंने भी अपने हाथों से जूस मंगा कर कौशिक को पिलाया।
कांग्रेस के एक बागी जगदीश कौशिक तो मान गए हैं लेकिन इसी बीच चंद्र प्रदीप बाजपेई ने भी कांग्रेस के ही टिकट पर चुनाव लड़ने की बात कह कर हलचल मचा दी है। देखना होगा कि वे किस तरह मानते हैं।