मुम्बई में आयोजित दो दिवसीय अखिल भारतीय संत समिति की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में लिए गए कई महत्वपूर्ण फैसले, संतों ने मोदी सरकार को 400 सीट दिलाने का लिया संकल्प

मुम्बई में आयोजित 2,3 मार्च 2024 को दो दिवसीय अखिल भारतीय संत समिति की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में शामिल होकर वापस लौटे श्री पीताम्बरा पीठ त्रिदेव मन्दिर के पीठाधीश्वर आचार्य डॉ. दिनेश जी महाराज अखिल भारतीय संत समिति धर्म समाज छत्तीसगढ़ अध्यक्ष ने बताया कि संतों ने अब लोकसभा चुनाव में प्रखर हिंदुत्व की स्थापना की कमान संभालने का संकल्प लिया है। इसके लिए संत समाज अपनी पूरी ताकत लगाएगा और देश के कोने-कोने में इसके लिए जागरूकता फैलाने का काम करेगा।आगामी आम चुनाव से पहले अखिल भारतीय संत समिति राष्ट्रीय परिषद की दो दिवसीय अहम बैठक मुंबई में हुई। जिसमें कई ऐसे संकल्प लिए गए,बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले, विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस की मौजूदगी में देशभर से आए संतों ने हिंदू समाज से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा की।संतों ने एक स्वर में कहा कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण से पूरे देश में अभूतपूर्व हर्ष का माहौल है। मंदिर के निर्माण का पूरा श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है। इसलिए रिटर्न गिफ्ट के तौर पर हिंदू समाज नरेंद्र भाई मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाएगा। संतों ने नारा लगाया- राम मंदिर की सौगात, फिर एक बार मोदी सरकार।विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि संवैधानिक उपायों से श्रीकाशी ज्ञानवापी और श्रीकृष्ण जन्मभूमि हमें मिलेगी।ज्ञानवापी पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की रिपोर्ट ने भी हमारे मामले को मजबूत किया है। सारे सबूत हमारे पक्ष में हैं। संत समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष अविचल देवाचार्य ने कहा कि पश्चिम बंगाल की घटना से संत समाज में गहरा आक्रोश है।हिंदू समाज को आत्मविश्वास और शक्ति प्रदान करने के लिए संतों का एक प्रतिनिधिमंडल संदेशखाली जाएगा।
अखिल भारतीय संत समिति के महासचिव स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती ने कहा कि नौ सूत्रीय अपेक्षा पत्र के माध्यम से राजनीतिक दलों को हिंदू समाज की अपेक्षाओं से अवगत कराया जाएगा।इन अपेक्षाओं को घोषणा पत्र में शामिल करने वाले राजनीतिक दल को ही हिंदू समाज समर्थन देगा।पद्मश्री स्वामी ब्रह्मानंदेशाचार्य ने कहा कि दुनिया के 100 से अधिक देशों में हिंदू रहते हैं। जो अपने-अपने देश में सकारात्मक सामाजिक और आर्थिक योगदान देते हैं। वैश्विक हिंदू समाज का मार्गदर्शन करने के लिए अखिल भारतीय संत समिति का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार करते हुए नवंबर 2025 में वाराणसी में अंतरराष्ट्रीय हिंदू सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।


दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि 2025 संघ का शताब्दी वर्ष है और संघ हिंदू समाज के सामने चिंता के पांच मुद्दे रखेगा. सामाजिक समरसता, जन्म आधारित भेदभाव से मुक्त हिंदू समाज, पर्यावरण संरक्षण, परिवार प्रबोधन और स्वदेशी जीवन शैली। हिंदू समाज को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर और सांस्कृतिक रूप से मजबूत होना चाहिए। उन्होंने इन विषयों पर संत समाज से मार्गदर्शन और नेतृत्व का अनुरोध किया। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता गौरीशंकर दास ने कहा कि हिंदू समाज को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने और मंदिरों को वापस करने का काम भाजपा शासित राज्यों से शुरू होना चाहिए। स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि ने कहा कि हिंदू धन हिंदू हित के लिए। हिंदू समाज द्वारा मठ मंदिरों को दान किया गया धन केवल हिंदू समाज के लिए ही उपयोग किया जाना चाहिए।महाराष्ट्र के। उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने संतों के अनुरोध को स्वीकार करते हुए कहा कि महाराष्ट्र के तीर्थ स्थलों को काशी, अयोध्या और जगन्नाथ पुरी की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। हम महाराष्ट्र में मध्याह्न भोजन में केवल शाकाहारी भोजन उपलब्ध कराने के विकल्पों पर भी विचार कर रहे हैं।
महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि ने कहा कि उत्तराखंड में जनसंख्या के आंकड़े तेजी से बदल रहे हैं। जिसका नतीजा हाल ही में हुई घटनाओं में देखने को मिला है. देवभूमि की यह स्थिति चिंताजनक है। संतों ने कहा कि समाज को समय के साथ अद्यतन और उन्नत होते रहना चाहिए। इसलिए नई हिंदू आचार संहिता आवश्यक है. श्रीकाशी विद्वत परिषद द्वारा तैयार की जा रही संहिता का प्रारूप तैयार करने का काम अंतिम चरण में है। जिसके बाद सनातन हिंदू धर्म के 127 संप्रदायों के आचार्यों द्वारा आचार संहिता के प्रारूप की समीक्षा की जाएगी।

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