आगामी 8 मार्च को महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। देश भर के सभी ज्योतिर्लिंग के साथ शिवालयों में इस दिन महोत्सव का आयोजन होगा। इसी क्रम में बिलासपुर के सरकंडा सुभाष चौक स्थित पीतांबरा पीठ त्रिदेव मंदिर में स्थापित श्री पारद शिवलिंग के महारुद्राभिषेक और महाशिवरात्रि महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। बिलासपुर में स्थापित इस विशालकाय पारद शिवलिंग के दर्शन मात्र से ही भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। विशेष कर महाशिवरात्रि पर पारद शिवलिंग के दर्शन , अभिषेक और पूजन से सभी मनोकामनाओं की सिद्धि होती है । इसी शिवालय में शुक्रवार 8 मार्च और शनिवार 9 मार्च को विशेष आयोजन होंगे। श्री पारद शिवलिंग महा रुद्राभिषेक एवं महाशिवरात्रि महोत्सव में कई विशिष्ट जन, संत महात्मा जुटेंगे।
8 मार्च शुक्रवार फाल्गुन कृष्ण पक्ष त्रयोदशी की तिथि पर प्रात 6:00 बजे महा रुद्राभिषेक आरंभ होगा। इसके पश्चात रात्रि चारों पहर अभिषेक और पूजन किया जाएगा, तो वहीं 9 मार्च शनिवार को प्रातः 9:00 बजे हवन एवं भंडारा आयोजित है।
त्रिदेव मंदिर के पीठाधीश आचार्य डॉक्टर दिनेश चंद्र जी महाराज ने बताया कि पारद शिवलिंग की महिमा निराली होती है। धर्म शास्त्रों के अनुसार पारद शिवलिंग को साक्षात भगवान शिव का रूप बताया गया है, जिसकी विधि विधान से पूजा करने से कई गुना फल प्राप्त होती है। साथ ही शिव भक्तों की सभी मनोकामना की भी पूर्ति होती है। यही कारण है कि इसे कामना लिंग भी कहा जाता है। आचार्य दिनेश चंद्र महाराज ने बताया कि करोड़ शिवलिंग की पूजा से जो फल प्राप्त होता है, वह फल अकेले पारद शिवलिंग के दर्शन मात्र से प्राप्त हो जाता है। पारद स्वयं सिद्ध धातु है इससे निर्मित शिवलिंग में किसी प्रकार का दोष नहीं होता । वहीं पारद शिवलिंग की पूजा से विभिन्न प्रकार के ग्रह दोष और सभी कष्टों का निवारण होता है। सभी प्रकार के तंत्र-मंत्र स्वतः समाप्त हो जाते हैं । आसपास मौजूद बुरी शक्तियों का नाश होता है।
उन्होंने बताया कि पारद शिवलिंग की पूजा करने वाले साधक की रक्षा स्वयं महाकाल और महाकाली करते हैं । प्रतिदिन पारद शिवलिंग के दर्शन करने वाले को मोक्ष की प्राप्ति होती है ।पारद शिवलिंग की पूजा करने वाले को भगवान शिव का आशीर्वाद तो प्राप्त होता ही है साथ ही साथ लक्ष्मी, सुख, शांति ,ऐश्वर्य ,अर्थ, धर्म काम, मोक्ष एवं विद्या की भी प्राप्ति होती है। महाशिवरात्रि पर त्रिदेव मंदिर में होने वाले आयोजन को लेकर तैयारी आरंभ कर दी गई है, तो वहीं आगामी चैत्र वसंत नवरात्र उत्सव 9 अप्रैल 2024 से लेकर 17 अप्रैल 2024 तक मनाने की भी तैयारी है। इस अवसर पर यहां पारंपरिक रूप से मनोकामना अखंड धृत ज्योति कलश प्रज्वलित किए जाएंगे।