आशीक खान
सूरजपुर/:– एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र की आमगांव ओपनकास्ट परियोजना के लिए पटना गांव की अधिग्रहित भूमि के बदले पात्र 427 प्रभावित भूस्वामियों को नौकरी एवं मुआवजा की मांग को लेकर एक बार फिर पटना गांव के ग्रामीणों ने 16 फरवरी से खदान बन्द कर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन का अल्टीमेटम क्षेत्रीय महाप्रबन्धक को दिया है. इसी मांग को लेकर 29 सितंबर से सप्ताह भर तक खदान को बंद कर धरना प्रदर्शन किया था. बाद में लिखित आश्वासन के बाद आंदोलन समाप्त हुआ था।
एसईसीएल की आमगांव ओपनकास्ट परियोजना के खान प्रभावित ग्राम पटना के ग्रामीणों द्वारा क्षेत्रीय महाप्रबन्धक को सौपे गए ज्ञापन में बताया है कि खदान के लिए अधिग्रहित पटना गांव के ग्रामीणों की अधिग्रहित भूमि के बदले 464 भूस्वामियों को आदर्श पुनर्वास नीति के तहत नौकरी दी जानी है। जिसमे से एसईसीएल प्रबन्धन द्वारा आज पर्यंत मात्र 37 ग्रामीणों को नौकरी प्रदान की गई है। उनका आरोप है कि नौकरी के लिए पात्र 427 प्रभावित ग्रामीण नौकरी के लिए समस्त प्रक्रिया पूर्ण करने के साथ ही संबंधित दस्तावेज जमा करने के बाद भी लंबे समय से नौकरी के लिए एसईसीएल के क्षेत्रीय कार्यालय से लेकर जिला प्रशासन कार्यालय में चक्कर लगा रहे है, लेकिन वे आज पर्यंत नौकरी से वंचित हैं. नौकरी हेतु नियुक्ति आदेश के बजाय प्रबन्धन उन्हें तारीख पर तारीख दे रहा है जिससे उनके समक्ष परिवार के जीविकोपार्जन की समस्या उत्पन्न होने के साथ ही वे मानसिक प्रताड़ना के शिकार हो रहे हैं. आक्रोशित ग्रामीणों ने एसईसीएल प्रबन्धन पर बेवकूफ बनाने का आरोप लगाते हुए बताया कि उक्त मांग को लेकर विगत 29 सितंबर से लेकर 5 अक्टूबर तक जब उन्होंने खदान बन्द कर हड़ताल की थी, उस वक्त प्रबन्धन ने बीते दिसंबर तक 107 ग्रामीणों को नौकरी व शेष मुआवजा राशि प्रदान करने का आश्वासन दिया था। उसके बावजूद प्रबन्धन ने आज पर्यंत न तो 107 लोगो को नौकरी दी और न ही लंबित मुआवजा राशि का भुगतान किया।
किया जायेगा खदान बंद
एसईसीएल प्रबन्धन की मनमानी से नाराज पटना गांव के ग्रामीणों ने एसईसीएल प्रबन्धन को 16 फरवरी से आमगांव ओपनकास्ट खदान बन्द कर खदान बैरियर के सामने अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करने का अल्टीमेटम दे दिया है. अल्टीमेटम में दस्तखत करने वालो में विमला सिंह मरावी समेत मिथिलेश्वर मरावी, बृजलाल मरावी, जगदीश सिंह, संत साहू, शैलेन्द्र सिंह, चलित्तर सिंह, ईश्वर सिंह, संजय सिंह, उमाशंकर सिंह आदि शामिल हैं।