

बुधवार को बसंत पंचमी का पर्व पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर शैक्षणिक संस्थाओं और सार्वजनिक आयोजनों में देवी सरस्वती की प्रतिमा स्थापित कर पूजार्चना की गई। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था। मां सरस्वती बुद्धि, विद्या, ज्ञान और संगीत की देवी है। इसलिए विद्यार्थियों के साथ कलाकार भी उनकी पूजा अर्चना कर उनसे वरदान मांगते हैं। बसंत पंचमी के पर्व पर अबूझ योग बनता है जो शुभ कार्यों के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है । इस दिन पीले वस्त्र धारण करने, देवी को पीली वस्तुओं का भोग अर्पित करने की भी परंपरा है।

इसी क्रम में विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी गुरु नानक चौक के पास स्थित श्री सांई भूमि कल्याण समिति द्वारा भी भव्य रूप से सरस्वती पूजन का आयोजन किया गया। परिसर के गार्डन में आकर्षक पंडाल सजाकर देवी की प्रतिमा स्थापित की गई और विधि विधान के साथ पूजा आरती करते हुए सभी ने पुष्पांजलि दी। पूजा के पश्चात यहां प्रसाद का वितरण किया गया ।

वहीं शाम को संध्या आरती की गई और पूरी सब्जी का प्रसाद श्रद्धालुओं में वितरित किया गया। सांई भूमि में सरस्वती पूजा का तीन दिवसीय आयोजन किया जा रहा है, जहां हर दिन विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम और स्पर्धाओं का भी आयोजन होगा। 15 फरवरी संध्या 4:00 बजे से महिलाएं और बच्चे सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति देंगे। 16 फरवरी सुबह हवन किया जाएगा और संध्या को देवी प्रतिमा का विसर्जन होगा।
इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष नागभूषण राव, उपाध्यक्ष सुरेश पटेल, कोषाध्यक्ष श्रीनिवासन, सचिव नवल वर्मा, सहसचिव संजय तिवारी, कार्यकारिणी सदस्य मुकेश मौर्य, शिरीष चक्रवर्ती और श्री सांई भूमि आवासीय कल्याण समिति के सभी वाशिंदे बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

