क्या राजधानी रायपुर के लोगों में जानवरों के प्रति बढ़ती जा रही है क्रूरता ? कभी स्ट्रीट डॉग को जहर देने, तो कभी उन पर तेजाब डालने के मामले आ रहे सामने

कुछ दिनों से ऐसा देखा जा रहा है कि कॉलोनी और रहवासी क्षेत्र में बेजूबान जनवरो के प्रति क्रूरता बढ़ती जा रही है ।।
इसी प्रकार की क्रूरता का एक उदाहरण अवंती विहार sector 2 क्षेत्र में देखने को मिला जिसमे संभ्रांत परिवार के कुछ लोगों द्वारा उसी एरिया के कुतों के ऊपर एसिड डाला गया और लगतार उनको मारने की प्लानिंग उनके व्हाट्सप ग्रुप में भी सभी के द्वारा मिल कर की जा रही है ।।
यही नहीं उनके द्वारा पहले भी 2 बेजुवान कुत्तो को ज़हर देकर मारा जा चुका है ।।
यही नहीं उन्होंने आस पास के सभी लोगों से उन कुत्तो को खाना पानी बंद करने को कहा गया है ।।
उनके हौसले इतने बुलंद हैं कि वो खुलेआम अपने व्हाटसेप ग्रुप पर उन बेजूवान जानवरों को लगातार मारने की प्लानिंग भी कर रहे हैं ।।
इस मामले में स्थानीय पार्षद जी ने भी उन लोगो को समझाने की कोसिश की उसकोभी उन लोगों के द्वारा नज़र अन्दाज़ कर दिया गया ।।
वो लोग लगातार इन बेजूवान लोगो को मार रहे है और इनके द्वारा acid डाल कर घायल किए गए कुत्ते का इलाज एनिमल वाटिका में चल रहा है ।।
इस मामले में स्थानीय पुलिस से भी एनिमल वाटिका के माध्यम से कारवाई के लिए निवेदन किया गया है लेकिन अभी तक पुलिस का रवैया ढीला ही दिख रहा है ।।
इस मामले में छत्तीसगढ़ राज्य के सुप्रसिद्ध परियावरण विद् एवं पशु प्रेमी श्री नितिन सिंघवी जी के संज्ञान में भी इस घटना को डाला गया है जिस पर उन्होंने आश्वाशन दिया है कि वो इस मामले को उच्च स्तरीय अधिकारियो की जानकारी में लाकर पत्र अग्रेषित करेंगे ।।
इस घटना के बारे में सबसे महत्वपूर्ण बात ये है की स्थानीय पशु प्रेमियों ने एसिड वाली घटना के उपरांत देश की सर्वोच्च एवं सुप्रसिद्ध संस्था People for Animal जिसकी संस्थापक BJP सांसद सुश्री मेनका गांधी जी हैं , उनके पास भी इस संदर्व में शिकायत की गई है ।।


यह बात सत्य है कि आवारा कुत्तो की संख्या में राजधानी में काफ़ी इज़ाफ़ा हुआ है जिसमें कुछ घटनाओं में ये भी सामने आया है कि कुत्तो द्वारा बच्चों एवम् अन्य व्यक्तियों को काटने की कुछ घटनाएँ सामने आयी है लेकिन इसकी सबसे बड़ी वजह नगर निगम की उदासीनता और स्थानियों लोगो में संवेदनशीलता की वजह प्रमुख है ।।
सबसे बड़ी बात जो ये भी देखा गया है कि युवा पीढ़ी के बच्चों के द्वारा आवारा कुत्तों को परेशान करना , उन पर हमला करना और उनको मारना और कुछ घटनाओं में उनके परिजनों द्वारा उन बेजूवान और निरीह कुतों एवम् अन्य पशु जैसे गाय , बैल , बिल्लियों पर Acid डालना , गरम पानी डालना एवं ज़हर देना पाया गया है ।।
समय आ गया है हम सब मिलकर समाज को , व्यक्तियों को , बच्चों को इन पशुओं के प्रति ख़स्तौर पर सड़क पर पाये जाने वाले कुतों के प्रति प्रेम और सहनभूति के लिए लिए जागृत करे क्योंकि इन आवरा जीवों के वजह से ही रिहयासी इलाको में अवांछित तत्व जैसे चोर और सामाजिक तत्वों और गतिविधियों में कमी होती है ।।

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