


मस्तूरी में भंवर गणेश मंदिर में स्थापित गरुड़ भगवान की मूर्ति एक बार फिर चोरी हो गई । पांचवीं बार मूर्ति चोरी होने के पीछे इस मूर्ति के बेशकीमती होने की अफवाह है, हालांकि प्रतिमा खंडित होने के बाद इसकी कीमत बहुत कम हो चुकी है।
मल्हार के पास इटवा पाली गांव स्थित भंवर गणेश मंदिर में स्थापित भगवान गरुड़ की प्रतिमा एक बार फिर से चोरी हो गई है । कुछ समय पहले चोर सब्बल से मूर्ति को उखाड़ कर ले गए थे , जिस कारण से प्रतिमा खंडित हो गई थी। बाद में पुलिस ने मूर्ति चोरों को पकड़ते हुए प्रतिमा को बरामद किया था। एक बार फिर सोमवार तड़के करीब 5:30 बजे जब मंदिर में सेवक महेश केवट पहुंचे तो पाया कि मंदिर के दरवाजे का ताला टूटा हुआ है और गर्भ गृह में स्थापित भगवान गरुड़ की मूर्ति गायब है। तुरंत इसकी सूचना सरपंच और पुलिस को दी गई। दरअसल यहां प्राचीन प्रतिमा स्थापित होने के बावजूद सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं है। मल्हार और आसपास कई प्राचीन मंदिर है, जहां बेशकीमती प्रतिमाएं हैं, जिसमें से भंवर गणेश मंदिर में ग्रेनाइट से बना गरुड़ भगवान की मूर्ति भी है, लेकिन इसकी सुरक्षा पर्याप्त न होने से मूर्ति पांचवीं बार चोरी हो गई। आम लोगों में धारना है कि इस मूर्ति की कीमत करोड़ों रुपए में है। यही कारण है कि चोर बार-बार यहां से इस मूर्ति को चोरी का प्रयास करते हैं।

पहली बार 2004 में यह प्रतिमा चोरी चली गई। चोर इसे जिले से बाहर भी नहीं ले जा पाए और पुलिस ने प्रतिमा बरामद कर लिया। फिर अप्रैल 2006 में भी एक बार फिर से यह प्रतिमा चोरी हो गई। उस वक्त चोर गांव के पास ही प्रतिमा को छोड़कर भाग गए थे। 2007 में मूर्ति की एक बार और चोरी हुई । 26 अगस्त 2022 को चोरों ने सेवादार को देसी तमंचा दिखाकर बंधक बना लिया और फिर मूर्ति को सब्बल की मदद से उखाड़ कर ले गए। इस दौरान यह प्रतिमा खंडित भी हो गई। ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व की इस प्रतिमा की ऊंचाई करीब 3 फीट और वजन 65 किलो है। पिछली बार इस प्रतिभा को उखाड़ कर ले जाने की कोशिश में प्रतिमा खंडित हो गई थी। इसी कारण से मूर्ति चोरों को मुंह मांगी कीमत नहीं मिल पाई और वे पुलिस के हत्थे चढ़ गए। इस बार भी प्रतिमा चोरी होने के बाद पुलिस के लिए मूर्ति चोरों को ढूंढना बड़ी चुनौती है ।

मल्हार की पहचान मां डीडनेश्वरी देवी से है, जिनकी प्रतिमा भी एक बार चोरी हो चुकी है ।माना जाता है कि भंवर गणेश मंदिर में स्थापित भगवान गरुड़ और मां डीडणेश्वरी देवी की मूर्ति समकालीन है । सातवीं से दसवीं शताब्दी के बीच निर्मित मूर्ति होने की बात कही जाती है । इस ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व की प्रतिमा के एक बार फिर से चोरी हो जाने से लोगों में आक्रोश है, तो वही पुलिस के लिए भी चोरों को ढूंढना आसान नहीं है ।
