
यूनुस मेमन

रतनपुर में साइबर ठगी का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है , जिसमें बैंक कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है। रतनपुर के खंडोबा मंदिर के पास रहने वाले गोकुल कश्यप का पंजाब नेशनल बैंक में अकाउंट है । करीब दो माह पहले गोकुल के मोबाइल पर एक अनजान नंबर से फोन आया था। दूसरी और से फोन करने वाले ने खुद को कथित रूप से गुजरात पुलिस का अधिकारी बताते हुए गोकुल से कहा कि उसके खाते में गलती से कुछ रुपए चले गए हैं जिसे वह उसके अकाउंट में ट्रांसफर करने के लिए बोला । गोकुल कश्यप को इस फोन कॉल पर संदेह हुआ और उसने फोन करने वाले के मोबाइल नंबर को ब्लॉक कर दिया, लेकिन तसल्ली के लिए वह अपने बैंक पहुंचा जहां बैंक मैनेजर से उसने खाते के बारे में जानकारी मांगी तो पता चला कि उसके खाते में 70000 तो क्या ₹1 भी नहीं आया है। बैंक मैनेजर ने भी उसे बताया कि इस तरह के फ्रॉड कॉल अक्सर आते रहते हैं, जिन्हें इग्नोर करना ही सही है। निश्चिंत होकर गोकुल कश्यप घर चला गया।
अब करीब 2 महीने बाद 10 जनवरी को गोकुल कश्यप को पंजाब नेशनल बैंक के मैनेजर ने फोन किया और बताया कि उनके पास कोई कोर्ट का आदेश आया है, जिसमें गोकुल कश्यप के अकाउंट से ₹70000 दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर करने के निर्देश है। गोकुल कश्यप ने मैनेजर को बार-बार बताया कि उन्होंने ना तो किसी से कोई पैसे लिए है ना ही उनके खाते में कोई पैसा आया है। यह सब फर्जीवाड़ा है, लेकिन फिर भी उनके लाख मना करने के बावजूद बैंक कर्मचारियों ने कथित खाते में 70 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए। गोकुल कश्यप का मानना है कि इस पूरे फर्जी वाड़े में बैंक मैनेजर महेश्वर प्रधान की भी भूमिका पूरी तरह संदिग्ध है, क्योंकि जब इस तरह के फर्जी मामले सामने आते हैं जिसमें बैंक कर्मचारी द्वारा खाताधारक को सावधान किया जाता है, यहां तो खाताधारक के मना करने के बावजूद बैंक कर्मचारियों ने कथित कोर्ट के आदेश का हवाला देकर ₹70,000 ट्रांसफर कर दिए । ऐसा मामला शायद ही कभी देखने सुनने को मिला हो।
जानकारी मिल रही है कि दो माह पहले गोकुल कश्यप के खाते में ₹4000 आए थे ।ऐसा ही कोई और लोगों के खाते में रकम आने की भी बात निकाल कर सामने आ रही है, लेकिन अजीब बात यह है कि ₹4000 के बदले में आखिर गोकुल कश्यप के खाते से 70,000 रुपए क्यों ट्रांसफर कर दिए गए ? अब बैंक मैनेजर खुद कह रहा है कि वह ठगी का शिकार हो गया है और वह पुलिस के पास जाए। गोकुल कश्यप ने मामले में रतनपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई है। जल्द ही वे साइबर सेल में भी इस मामले की शिकायत करेंगे।
इस पूरे मामले में खतरे की बात यह है कि किसी भी व्यक्ति का बैंक में रखा धन सुरक्षित नहीं है। बैंक के कर्मचारी ही किसी भी आदेश का हवाला देकर कभी भी आपके पैसे किसी अनजान के खाते में ट्रांसफर कर सकते हैं, इसके लिए खाताधारक की अनुमति तक आवश्यक नहीं रह गई है। ऐसे में लोगों का बैंक के प्रति विश्वास खत्म होना लाजमी है। इस पूरे मामले में सब कुछ बेहद संदिग्ध लग रहा है। अव्वल तो गोकुल कश्यप के खाते में कोई रुपए आया भी है तो भी क्यों भला कोई पुलिस वाला उसे अपने खाते में रुपए ट्रांसफर करने को कहता और फिर ऐसी कौन सी अदालत है जो दो माह के भीतर ही पूरी सुनवाई कर बिना पक्षकार को सुने इस तरह का फैसला जारी करती है ? अब शिकायत के बाद पुलिस ने मामले को जांच में लिया है, जिससे जल्द ही दोषियों का खुलासा होगा। इस पूरे मामले में रतनपुर पंजाब नेशनल बैंक के मैनेजर महेश्वर प्रधान की भूमिका भी बेहद चौंकाने वाली रही है। वैसे पुलिस कह रही हैं कि गोकुल कश्यप के खाते से ट्रांसफर किए गए 70,000 रुपए में से ₹4000 काटकर शेष रकम उनके खाते में वापस हो जाएगी । ऐसा क्यों और किस तरह से होगा, यह पहेली बनी हुई है। हमने भी बैंक मैनेजर का पक्ष जानने के लिए टेलीफोन पर उनसे संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
