


सबको समय पर उचित, त्वरित और आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो इसके लिए सरकारी अस्पतालों के साथ निजी क्षेत्र की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। आज निजी क्षेत्र स्वास्थ्य सेवा वितरण में 70% से अधिक योगदान के साथ भारतीय स्वास्थ्य सेवा को उद्योग के रूप में स्थापित कर चुका है। बिलासपुर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल, सिम्स मेडिकल कॉलेज के साथ निर्माणाधीन मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल मौजूद है, लेकिन इसी बीच मेडिकल हब की ओर कदम बढ़ाते हुए बिलासपुर में सैकड़ों की संख्या में निजी अस्पताल खुल गए हैं, जहां उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही है। इसी वजह से एक तरफ जहां बिलासपुर वासियों का अन्य शहरों का रुख करना कम हुआ है तो वहीं संभाग के आसपास से लोग इलाज के लिए बिलासपुर पहुंच रहे हैं। निजी अस्पताल केवल स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं करा रहे हैं, बल्कि यह बड़े पैमाने पर रोजगार का सृजन भी कर रहे हैं।
इसी मुद्दे पर विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान बिलासपुर विधायक शैलेश पांडे ने सवाल करते हुए यह जानकारी मांगी थी कि बिलासपुर में कितने निजी अस्पताल स्थापित है और विगत 3 वर्षों में कितने निजी अस्पतालों को मान्यता दी गई है । इस पर लोक स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव ने जवाब देते हुए बताया कि बिलासपुर में वर्तमान में 160 निजी अस्पताल स्थापित है ।विगत 3 वर्षों में 105 निजी अस्पतालों को मान्यता दी गई है । मानकों के आधार पर 160 प्राइवेट अस्पताल स्थापित है, जिसमें गैर पारंपरिक चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध शामिल नहीं है। जिले में बड़ी संख्या में कथित झोलाछाप डॉक्टर भी स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करा रहे हैं, जिनका डाटा सरकार के पास उपलब्ध नहीं है।
