चार साहिबजादों के बलिदान की स्मृति में मनाया जा रहा है वीर बाल दिवस, गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा दयालबंद में आयोजित धार्मिक गीत और शबद कीर्तन में किया गया उनके बलिदान को याद

26 दिसंबर को दसवें सिख गुरु गोविंद सिंह जी के पुत्रों साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह जी के शहादत की स्मृति में वीर बाल दिवस मनाया जाता है।भारत सरकार ने भी 26 दिसंबर वीर बाल दिवस को राष्ट्रीय दिवस घोषित किया है ।श्री गुरु गोबिंद सिंह के उन दोनों साहबजादों- साहिबजादा जोरावर सिंह (9) और साहिबजादा फतेह सिंह (7) और माता गुजरी की शहादत का इतिहास, उनके बलिदान को याद करने के लिए वीर बाल दिवस मनाया जाता है। बात वर्ष 1705 की है। मुगलों ने श्री गुरु गोबिंद सिंह जी से बदला लेने के लिए जब सरसा नदी पर हमला किया तो गुरु जी का परिवार उनसे बिछड़ गया था। छोटे साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह और माता गुजरी अपने रसोईए गंगू के साथ उसके घर खेरी, मोरिंडा चले गए। रात को जब गंगू ने माता गुजरी के पास मुहरें देखी तो उसे लालच आ गया। उसने माता गुजरी और दोनों साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह बाबा फतेह सिंह को सरहिंद के नवाब वजीर खां के सिपाहियों से पकड़वा दिया।

वजीर खां ने छोटे साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह बाबा फतेह सिंह तथा माता गुजरी जी को पोह महीने की तेज सर्द रातों में तकलीफ देने के लिए ठंडे बुर्ज में कैद कर दिया। यह चारों ओर से खुला और उंचा था। इस ठंडे बुर्ज से ही माता गुजरी जी ने छोटे साहिबजादों को लगातार तीन दिन धर्म की रक्षा के लिए सीस न झुकाने और धर्म न बदलने का पाठ पढ़ाया था। यही शिक्षा देकर माता गुजरी जी साहिबजादों को नवाब वजीर खान की कचहरी में भेजती रहीं। 7 व 9 वर्ष से भी कम आयु के साहिबजादों ने न तो नवाब वजीर खां के आगे शीश झुकाया और न ही धर्म बदला। इससे गुस्साए वजीर खान ने 26 दिसंबर, 1705 को दोनों साहिबजादों को जिंदा दीवार में चिनवा दिया था। जब छोटे साहिबजादों की कुर्बानी की सूचना माता गुजरी जी को ठंडे बुर्ज में मिली तो उन्होंने भी शरीर त्याग दिया।


लिहाजा शहीदी सप्ताह वीर बाल दिवस के अंतर्गत श्री गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा दयालबंद में रविवार को सफर ए शहादत धार्मिक गीत एवम शबद कीर्तन का आयोजन किया गया।भाई साहेबभाई प्रदीप सिंह जी जालंधर वालो ने साहेबजादो की शहादत के इतिहास से संगत को परिचय करवाया। एवम उनकी शहादत से प्रेरणा लेने की बात कही।श्री गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा दयालबंद के हेड ग्रंथि ज्ञानी मान सिंह जी का भी कार्यक्रम में विशेष सहयोग रहा।

इस अवसर पर संगत के मध्य बच्चो, नौजवान कथाकारों ,कीर्तन के जत्थो के द्वारा धार्मिक गीत प्रस्तुत किए गए ।वही समूह साध संगत ने कीर्तन में सम्मलित होकर गुरु का अरदास किया।वही अरदास के बाद समूह साध संगत को गुरु का अटूट लंगर भी वरतया गया।

इस मौके पर दयालबंद गुरुद्वारा में आयोजित कार्यक्रम में आदर्श पंजाबी महिला संस्था,सहित गुरुद्वारा प्रबंधन कमिटी की सहभागिता रही । कार्यक्रम को सफल बनाने में आदर्श पंजाबी महिला संस्था की अध्यक्ष पम्मी गुंबर,संरक्षक शशि आहूजा,सचिव श्रद्धा खंडूजा,कोषाध्यक्ष रेशम कौर गंभीर, लक्की चावला,नीतू चावला,अंजली सलूजा, मीनू उपवेजा,
भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य और वीर बाल दिवस कार्यक्रम के जिला संयोजक अमरजीत दुआ ,दयालबंद गुरुद्वारा प्रबंधन कमिटी के अध्यक्ष नरेंद्र पाल सिंह गांधी ,जोगिंदर सिंह गंभीर,जगमोहन सिंह अरोरा,मनदीप सिंह गंभीर,सुरेंद्र सिंह छाबड़ा,अमनदीप सिंह होरा,जसबीर सिंह गांधी,राम मक्कड़,विकास सलूजा,एवम साध संगत की उपस्थिति रही।

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