

सामान्य मरीज मेडिकल स्टोर संचालक और उनके कर्मचारियों पर भरोसा करता है कि वे पर्ची देखकर सही दवा ही देंगे, लेकिन सिम्स के रेड क्रॉस मेडिकल स्टोर की कर्मचारी ने महिला को ऐसी दवा दे दी जिससे उसका गर्भपात हो गया।
सरकंडा के कपिल नगर में रहने वाली पूजा सूर्यवंशी 3 महीने की गर्भवती थी। रूटीन चेकअप के लिए उसके पति दीपक सूर्यवंशी ने उसे सिम्स लाया था। गायनिक डॉक्टर के पास जांच के बाद उसे पर्ची लिखकर दी गई। दीपक और पूजा ने सिम्स परिसर में स्थित रेड क्रॉस दवाई दुकान से पक्की बिल के साथ दवाई खरीदी। दवा खाकर वह दोपहर को आराम कर रही थी तभी उसे घबराहट के साथ ब्लीडिंग होने लगी और फिर देखते ही देखते उसे गर्भपात हो गया। जब पूजा ने स्त्री रोग विशेषज्ञ को वापस दिखाया तो उसने जानकारी मांगी कि आखिर पूजा ने कौन सी दवाई खाई । दवाई का रैपर देखकर डॉक्टर हैरान रह गयी, क्योंकि गर्भ मजबूत करने की जगह पूजा को गर्भपात की दवा दे दी गई थी। जब इसकी जानकारी होने पर दीपक सूर्यवंशी सिम्स स्थित रेड क्रॉस दुकान गए तो वहां के कर्मचारियों ने उसे धमकी देते हुए समझौता करने के लिए दबाव बनाया।

दो माह पहले हो चुकी है इकलौते बेटे की मौत
दीपक और पूजा को 3 साल का बेटा भी था । 2 महीने पहले बीमारी के चलते उसकी मौत हो गई है। जिससे पूरा परिवार सदमे में था। इसी बीच पूजा गर्भवती हुई तो पूरा परिवार खुशी से झूम उठा। पूरे परिवार को नए मेहमान की उम्मीद थी लेकिन रेड क्रॉस कर्मचारियों की लापरवाही के कारण भ्रूण हत्या हो गई। सिम्स के डॉक्टर ने तो सही दवाई लिख कर दी थी लेकिन रेड क्रॉस के कर्मचारियों ने गलत दवा दे दी। असल में सिम्स परिसर में संचालित रेड क्रॉस के मेडिकल स्टोर में फार्मासिस्ट की जगह कंप्यूटर ऑपरेटर दवा बेच रहे हैं। यही वजह है कि भ्रूण विकास की दवा की जगह महिला ने पूजा को गर्भपात करने वाली टेबलेट थमा दी। मामले की जांच ड्रग इंस्पेक्टर कर रहे हैं तो वही डीन के के सहारे ने रेड क्रॉस मेडिकल स्टोर में परमानेंट फार्मासिस्ट रखने के भी निर्देश दिए हैं। मामले की लीपापोती शुरू हो चुकी है लेकिन बड़ा सवाल यह है कि पूजा के साथ जिस तरह की घटना घटी है उसकी भरपाई कैसे होगी ?
