


मां परमेश्वरी माता पूजा समिति के द्वारा डबरीपारा में आयोजन गौ कथा में कथा वाचक श्री गोपाल कृष्ण रामानुज दास ने गौमाता कि महिमा श्रवण करते हुए कहा गौमाता कामधेनु है जो सकल मनोरथ पूर्ण करती है आज गौवंश कि उपेक्षा की मनुष्य के पतन का कारण बन रहा है जब घर में गाय होती थी तब लोग हर प्रकार के रोगो से मुक्त जीवन निर्वाह करते थे गाय के सानिध्य में रहने से हर प्रकार के लोगों से बचा जा सकता है गाय के गोमूत्र में एंटिबायोटिक्स के रुप में उपयोग किया सभी बीमारी का उपचार कि जा सकता है मनुष्य के जीवन में का का सर्व श्रेष्ठ स्थान होना चाहिए आज लोग गोचर भूमि पर अवैध कब्जा जमाकर गौवंश को अनुपयोगी बना रहे हैं खेतों में गोबर गोमूत्र पड़ने से सात्विक आहार कि प्राप्ति होती है।

पर आज जहरीले पदार्थ डाल कर खेतो कि उर्वरा शक्ति को नष्ट कर दिया गया है गाय पशु नहीं भरत कि जननी है बिना गाय के सनातन धर्म का कोई भी संस्कार पूर्ण कर पाना असम्भव है वेद शास्त्र जिस गाय कि महिमा गाते हैं उसी गाय कि हत्या इस भारत भूमि पर लगा हुआ है भगवान श्री राम भी गौसेवा के लिए ही जन्म लेकर आते हैं कृष्ण भी गोकुल कि ब्रज भूमि में गोपाल बन कर गौसेवा गौरक्षा करते हैं मानव जीवन के लिए गाय उपयोगी है हर प्रकार से गौमाता का दूध दही घी गोमूत्र गोबर लाभ प्रदा है। गौ कथा के इस आयोजन में बड़ी संख्या में देवांगन महिला संगठन वह समाज के लोग उपस्थित थे संगीतमय इस आयोजन में गौमाता के मधुर मधुर भजनों में भक्त झूम उठे
