छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सन्यासी मुख्यमंत्री की मांग उठी, कौन बनेगा मुख्यमंत्री इस पर कयास जारी, साव और चौधरी के नाम सबसे आगे

आकाश दत्त मिश्रा

छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी को मिली शानदार सफलता को सनातन की जीत बताया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के साथ मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी भाजपा ने बड़ी जीत दर्ज की है। इस जीत के बाद अब तीनों राज्यों में मुख्यमंत्री की तलाश आरंभ कर दी गई है। इधर छत्तीसगढ़ में 7 दिसंबर को शपथग्रहण हो सकता है। हर तरफ अब केवल कौन बनेगा मुख्यमंत्री इसी पर चर्चा है । भारतीय जनता पार्टी के सबसे सफल मुख्यमंत्री में से एक योगी आदित्यनाथ संत परंपरा से आकर बेहद प्रभावी सिद्ध हुए हैं। इसी कारण अब संन्यासियों को मुख्यमंत्री बनाने की हर तरफ वकालत हो रही है। राजस्थान में भी बाबा बालक नाथ को मुख्य मंत्री बनाने की मांग तेज हो गयी है। इसी बीच बिलासपुर में भी संत समाज ने छत्तीसगढ़ में भी किसी सनातनी संत या सन्यासी को ही मुख्यमंत्री बनाने की मांग की है, हालांकि उनका कहना है कि चुनकर आए सभी विधायक सनातनी है और उनसे उम्मीद व्यक्त की गई कि वे छत्तीसगढ़ में सब का साथ, सबका विकास के साथ सनातन पर भी विशेष ध्यान देंगे। उन्होंने छत्तीसगढ़ की जनता का भी आभार व्यक्त किया, जिन्होंने धन और बल प्रभाव से परे हटकर सनातन की रक्षा के लिए वोट दिया है ।
पारंपरिक दिवाली के बाद इस चुनाव में सनातन को मिली जीत को दूसरी दिवाली बताया जा रहा है, तो वहीं 22 जनवरी को श्री राम लला मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को तीसरी दिवाली के रूप में मनाने का भी आह्वान किया गया है।

कौन बन सकता है छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री ?

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर कई नाम लगातार सामने आ रहे हैं। कुछ नाम स्वाभाविक है तो कुछ बिल्कुल अप्रत्याशित भी है ।

डॉ रमन सिंह

छत्तीसगढ़ में 15 साल मुख्यमंत्री रहे डॉ रमन सिंह मुख्यमंत्री के लिए पार्टी की पहली पसंद हो सकते हैं। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ रमन सिंह का कद इस जीत के बाद और बड़ा हो गया है। वे छत्तीसगढ़ के सफल एवं सर्वाधिक लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे हैं, हालांकि उनके ही नेतृत्व में 2018 का चुनाव पार्टी हार चुकी है और उम्र का फैक्टर भी उन पर भारी पड़ सकता है।

अरुण साव

बिल्कुल गुमनामी के अंधेरे से निकलकर पहले बिलासपुर के सांसद बने, फिर भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष बन गए और फिर लोरमी से विधायक भी चुन लिया गए । एक के बाद एक मिल रही सफलता ने अरुण साव का कद विशाल कर दिया है। अरुण साव ओबीसी नेता है, जिन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाकर भाजपा ने ओबीसी वोटर को साधा है । अब कहा जा रहा है कि उन्हें मुख्यमंत्री बनकर इस बड़े वोट बैंक को भाजपा अपने पाली में कर सकती है। सरल और मिलनसार स्वभाव के कारण वे पार्टी और नेताओं के बीच लोकप्रिय है। एक वर्ग उनके अनुभव को लेकर सवाल खड़ा कर सकता है, लेकिन जिस तरह से उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी पार्टी को बड़ी जीत दिलाई है वह उनके लिए तुरुप का इक्का साबित हो सकता है।

मुख्यमंत्री के चयन को लेकर रायपुर में होने वाली बैठक सोमवार को हालांकि नहीं हो पाई लेकिन ओपी चौधरी के साथ प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव को भी जल्दी बुलाया गया है , ओम माथुर और नितिन नबीन को भी दिल्ली बुलाया गया है। मुख्यमंत्री की दौड़ में अरुण साव का नाम भी सबसे आगे चल रहा है।

ओपी चौधरी

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के करीबी ओपी चौधरी कलेक्टर जैसे बड़े पद से इस्तीफा देकर राजनीति में किस्मत आजमाने आए हैं। 2018 में भले ही उन्हें सफलता नहीं मिली लेकिन इस बार उन्होंने रायगढ़ से विशाल अंतर से जीत दर्ज की है। ओपी चौधरी भी ओबीसी नेता है। इधर पिछले दिनों चुनाव प्रचार के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी यह संकेत दिए थे कि उन्हें पार्टी बड़ा पद देगी। ओपी चौधरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर सभी बड़े नेताओं की पहली पसंद है, इसलिए ओपी चौधरी के मुख्यमंत्री बनने की संभावना भी सबसे प्रबल है। हालांकि कुछ लोग उनके अनुभव और पहली बार चुनाव जीतने को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं।

सरोज पांडे

सरोज पांडे का नाम बेहद चौंकाने वाला हो सकता है। पार्टी के कई दिग्गज कह रहे हैं कि सरोज पांडे को ही मुख्यमंत्री का चेहरा बनाया जाएगा । सरोज पांडे फिलहाल राज्यसभा सांसद और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष है। उन्हें केंद्र की विश्वसनीय नेताओं में से एक माना जाता है। उनकी छवि आक्रामक और तेज तर्रार है ।

विष्णु देव साय

मुख्यमंत्री के तौर पर विष्णु देव साय का नाम भी लिया जा रहा है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय को भी बड़ा पद मिलने का बयान खुद गृह मंत्री अमित शाह ने दिया था। आदिवासी नेता विष्णु देव साय सरल सहज होने के साथ ही संघ की पृष्ठभूमि से भी आते हैं। हालांकि पिछले चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन अच्छा न होने के कारण ही उन्हें हटाया गया था। यह उनके खिलाफ जा सकता है।

रेणुका सिंह

आदिवासी मुख्यमंत्री बनने के क्रम में रेणुका सिंह का नाम भी सामने आ रहा है। परंपरागत प्रेम नगर सीट की जगह वह भरतपुर सोनहट से भी जीत कर सामने आयी है। सरगुजा की सभी 14 सीटों पर बीजेपी जीती है। ऐसे में सरगुजा से ही किसी को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है । इसके अलावा भी कई नाम पर कयास जारी है। इनमें से कौन मुख्यमंत्री बनता है, यह भविष्य के गर्भ में छुपा हुआ है, जिस पर से जल्द ही पर्दा उठ सकता है। संभावना है कि मंगलवार को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री पर फैसला सामने आ सकता है।

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