बिलासपुर के समस्त तेलुगू समाज के द्वारा पवित्र कार्तिक मास में वन भोजनमलू (वन में भोजन) का आयोजन *दिनांक - 02.12.2023, दिन - शनिवार, समय - सुबह 9 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक, स्थान - श्री दर्शन मुनि उदासीन आश्रम, छठ घाट के मुख्य द्वार के बगल वाले द्वार के अंदर, अरपा नदी के किनारे बिलासपुर में किया जा रहा है।* सनातन हिन्दू धर्म वेद पुराण के अनुसार कार्तिक मास में भगवान शिव पार्वती के प्रांगण एवम् आंवला वृक्ष के छांव में भोजन ग्रहण करना अति शुभ माना जाता है । इसलिए तेलुगू समाज के प्रत्येक परिवार के सदस्य इस पुण्य अवसर का आंनद एवं ईश्वर का आर्शीर्वाद प्राप्त करने, पवित्र कार्तिक मास में समस्त तेलुगू समाज महिलाओं द्वारा सामूहिक कार्तिक पुराण एवम् ललिता सहस्त्रनाम मंत्र पूजन कार्यक्रम एवम् महिलाओं एवं बच्चों के लिए खेलकूद का भी आयोजन किया जा रहा है। श्री ललिता सहस्त्रनाम का पाठ करने से भक्तों का कल्याण होती है, उनके कष्ट दूर होते हैं। ललिता माता भक्तों को सुख देने वाली तथा विपदा को हरने वाली हैं। ललिता माता देवी सती-पार्वती का ही रूप है। ललिता माता को त्रिपुर सुंदरी, षोडशी तथा ललिता त्रिपुरसुंदरी के नाम से भी जाना जाता है। मां ललिता की पूजा आराधना करने से भक्तों को सुख समृध्दि व मोक्ष की प्राप्ति होती है ।व्यक्ति जीवन मरण के बंधन से मुक्त हो जाते हैं।ललिता आत्मा की उल्लासपूर्ण, क्रियाशील और प्रकाशमय अभिव्यक्ति है। मुक्त चेतना जिसमें कोई राग द्वेष नहीं, जो आत्मस्थित है वो स्वतः ही उल्लासपूर्ण, उत्साह से भरी, खिली हुई होती है। ब्राह्मण पुराण में बताया गया है कि भगवान शिव का एक बार नाम लेने से महाविष्णु का एक हजार बार नाम लेने का फल मिलता है। इसी प्रकार मां ललिता की एक बार नाम लेने से भगवान शिव के एक हजार नाम लेने के बराबर फल मिलता है।