

शनिवार को सांई माउली प्रांगण में श्री साईं नाथ के समक्ष सुंदरकांड का सामूहिक पाठ किया गया। इसमें कम से कम 301 भक्तों के द्वारा भाग लिया गया। सभी भक्तों ने समय पर पहुँच कर पूरे कार्यक्रम को विशेष बना दिया। पाठ प्रारम्भ होने से पहले श्री मती वर्षा भंडारकर द्वारा आनापान सती मेडीटेशन कराया गया।

इसके बाद पूरे मंत्रोच्चारण के साथ विधिविधान के साथ पूजा कर सुन्दर काण्ड प्रारम्भ किया गया। कार्तिक मास में सुन्दर काण्ड को पढ़ने के कई महत्वपूर्ण कारण हैं। सबसे बड़ा कारण यह है कि राम चरित मानस में सुंदरकांड में वर्णित संपूर्ण घटनाएं कार्तिक मास में ही संपन्न हुई थी जैसे समुद्र का उल्लंघन, हनुमान जी की विभीषण से भेट, सीताजी का दर्शन एवं लंका दहन के पश्चात हनुमान जी की वापसी। यह समस्त घटनाएं कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में ही संपन्न हुई थी. इस लिए इस मास में सुंदरकांड के पठन को और भी अधिक महत्वपूर्ण बना देता है। मंच में माइक पर सुन्दर काण्ड के प्रमुख पाठकों में श्रीमती अनीता बत्रा, नीलिमा वेलनकर, ललिता दुबे, प्रभा शुक्ला, नीलिमा द्विवेदी, शालू मिश्रा, मधु नायक थी। उनके साथ हारमोनियम तबले व ढोल मंजीरे वाद्ययंत्रों पर उत्कृष्ट संगत देने वाले थे हरीश मगर प्रतुल काले, मधुकर रुद्रकर मास्टर आरव भुरंगी व स्वयं दिलीप पात्रीकर भैया। पं अनुरुद्ध वर्तक द्वारा आरती सम्पन्न कराई गई।

हनुमान चालीसा, आरती के साथ कार्यक्रम का समापन प्रसाद वितरण के साथ हुआ। वीना अग्रवाल ने बताया कि आज प्रसाद की यह विशेषता है कि सांई भक्तों द्वारा प्रात भिक्षा मांग कर जो अन्न एकत्र किया था उसी को पका कर भक्तों को प्रसाद स्वरूप बांटा गया।
