उदित होते सूर्य देव को अर्घ्य देकर किया गया व्रत का पारण , बिलासपुर छठ घाट पर उमड़ा आस्था का जलसैलाब

संसार की गति कोचलायमान रखने के लिए सूर्य देव वैसे तो रोज उदित होते हैं लेकिन उनकी जैसी प्रतीक्षा इस सोमवार को हुई , वैसी प्रतीक्षा तो वर्ष में केवल एक ही बार होती है। बिलासपुर के छठ घाट पर भी हजारों आंखें आसमान में पूर्व की ओर टकटकी लगाए उसी क्षण की प्रतीक्षा कर रही थी। जैसे ही आसमान पर सूर्य देव की पहली झलक दिखी जनसमूह छठी मैया की जय, सूर्य भगवान की जय का उद्घोष करते हुए उन्हें दूध और जल का सर्घ्य अर्पण करने लगा।
लोक आस्था का महापर्व छठ चार दिनों तक पूरे विधि विधान और उमंग उत्साह के साथ बनाया गया। बिलासपुर में कई स्थानों पर छठ पूजा का आयोजन किया गया लेकिन मुख्य आयोजन हमेशा की तरह तोरवा पुल के नीचे 900 फीट लंबे घाट पर किया गया। इसे विश्व का सबसे लंबा छठ घाट बताया जाता है, इसके बाद भी यहां व्रतियों के लिए स्थान का अभाव होता दिखा।
रविवार शाम को अस्ताचलगामी सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद व्रती सर पर दउरा रखकर छठ गीत गाते हुए जलता दीपक हाथ मे लेकर अपने घरों को लौट गए थे ।
रात करीब 2:00 बजे से ही एक बार फिर से एक-एक कर व्रती बैंड बाजे के साथ घाट पर लौटते दिखे। रविवार को जिस स्थान पर चौका बनाकर सूर्य देव को अर्घ्य दिया गया था, उसी स्थान पर वापस पूजा का दउरा सजाकर , गन्ने का मंडप बनाकर दीपदान करते हुए सूर्य देव की प्रतीक्षा की जाने लगी।


मुहूर्त 6:21 पर श्रद्धालुओं ने सूर्य देव की आरती और उपासना आरंभ कर दी। जैसे ही पूर्व दिशा में भगवान सूर्य देव की पहली झलक दिखी सभी चेहरे खिल उठे । सभी ने दूध और जल से सूर्य देव को अर्घ्य प्रदान करते हुए संतान प्राप्ति एवं संतान की मंगल कामना की। पारंपरिक साज श्रृंगार के साथ नाक से लेकर मांग तक सिंदूर लगाई हुई व्रतियों ने पूरे विधि विधान के साथ सूर्य उपासना की । इस पूजा को देखने मानो तोरवा छठ घाट में पूरा शहर उमड़ पड़ा था। छठ घाट में इस अवसर पर 50 हजार से अधिक लोग जुटे। यहां तक कि तोरवा पुल पर भी पांव रखने की जगह नहीं थी। लोग पुल के ऊपर से ही इस अद्भुत दृश्य को निहारत रहे।

समिति की ओर से रही यह सुविधा

सोमवार प्रातः सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए छठ पूजा समिति की ओर से सभी व्रतधारियों को निशुल्क दूध एवं नारियल उपलब्ध कराया गया। करीब एक क्विंटल दूध प्रदान किया गया । इसके अलावा पूरे समय निशुल्क चाय की सेवा दी गई। पारंपरिक रूप से दीपदान के लिए भी समिति की ओर से दीपक उपलब्ध कराए गए। वही पूजा के पश्चात समिति की ओर से सभी को प्रसाद वितरित किया गया।

यह पूरा आयोजन बिना किसी विघ्न बांधा के संपन्न हो इसके लिए छठ पूजा समिति के वॉलिंटियर्स , भारत स्काउट एंड गाइड , बिलासपुर पुलिस, नगर सेना के जवान पूरे समय तैनात रहे।

व्रत का किया पारण

सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद व्रतियों ने ठेकुआ और फल का प्रसाद वितरित किया। जिसके बाद व्रती घर पहुंचे। वहां ब्रह्म बाबा स्वरूप में बरगद की पूजा अर्चना की गई ,जिसके पश्चात दूध एवं जल ग्रहण कर 36 घंटे के निर्जला व्रत का पारण किया गया। इसी के साथ चार दिवसीय सूर्य उपासना का महापर्व संपन्न हुआ। भगवान सूर्य देव और छठी मैया की उपासना का यह कठिन व्रत संतान प्राप्ति और संतान एवं परिवार के कल्याण की कामना के साथ की जाती है।

अध्यक्ष ने जताया आभार

छठ पूजा समिति के नये नवेले अध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र कुमार दास इस सफल आयोजन से ऊर्जावान और आत्मविश्वास से भरे नजर आए। उन्होंने कहा कि उनकी अध्यक्षता में इस वर्ष छठ पूजा निर्विघ्न रूप से सफलतापूर्वक संपन्न हुआ,इसमें सूरज देव और छठी मैया की कृपा के साथ समिति के सदस्यों का सहयोग एवं जिला प्रशासन, नगर निगम, दमकल विभाग, बिजली विभाग, पुलिस प्रशासन ,भारत स्काउट एंड गाइड , मीडिया एवं अन्य कई संगठनों का पूरा सहयोग शामिल रहा, जिसके बिना यह सब कुछ संभव ही नहीं होता। डॉक्टर धर्मेंद्र दास ने उन हजारों श्रद्धालुओं के प्रति भी आभार जताया है जिनकी उपस्थिति ने ही छठ महोत्सव को विराट स्वरूप दिया। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि आने वाले वर्षों में इस आयोजन को और भी भव्य स्वरूप दिया जाएगा ।

इनकी रही उपस्थित

सोमवार सुबह उदित सूर्य देव को अर्घ्य देने व्रतधारी और श्रद्धालुओं के साथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव , पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल , भाजपा जिला अध्यक्ष रामदेव कुमावत, पूर्व बीडीए अध्यक्ष अनिल टाह , पार्षद साखन दरवे भी पहुंचे , जिन्होंने अरपा नदी के जल में खड़े होकर सूर्य देव को अर्घ्य घर प्रदान किया और बिलासपुर एवं पूरे प्रदेश के लिए मंगल कामना की। अतिथियों ने कहा कि बिलासपुर का यह छठ पर्व आज पूरे देश में अपना विशिष्ट स्थान बना चुका है, जिसकी चर्चा पूरे देश भर में होती है। पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा कि छठी मैया की कृपा से आसुरी शक्तियों का अंत होगा और जग का कल्याण होगा।

आयोजन को सफल बनाने में समिति के इन सदस्यों का रहा सहयोग

संरक्षकगण श्री एच. पी. एस. चौहान, श्री एस.पी. सिंह, डॉ. ब्रजेश सिंह, श्री व्ही. एन. झा, श्री आर. पी सिंह (सहजानंद), श्री कमलेश चौधरी, श्री एस. के. सिंह, श्री लव कुमार ओझा, श्री प्रवीण झा, श्री बिनोद सिंह

अध्यक्ष: डॉ. धर्मेंद्र कुमार दास

कार्यकारी अध्यक्ष : श्री अभय नारायण राय

उपाध्यक्ष: श्री जे.के. एन.एस. सिंह, श्री राकेश दीक्षित, श्री गोपाल सिंह, श्री बी.के. आर.मिश्रा, श्री संजय सिंह राजपूत, श्री सुधीर झा, श्री अशोक झा

सचिव : श्री विजय ओझा :

कोषाध्यक्ष डॉ. कुमुद रंजन सिंह

संयुक्त सचिव श्री दिलीप चौधरी, श्री सी.एम. सिंह, श्री धनंजय झा, श्री बी. एन. ओझा, श्री बी. बी. तिवारी, श्री अर्जुन सिंह, श्री मुन्ना सिंह, श्री हरि ओम दुबे, श्री पंकज सिंह (बिसलेरी), श्री पंकज सिंह (रामा वैली), श्री मुकेश झा, श्री प्रशांत सिंह, श्री राघव झा

कार्यालय सचिव: श्री नागेंद्र प्रसाद सिंह, श्री सतीश सिंह, श्री रामसखा चौधरी, श्री विनोद सिन्हा, श्री पीसी झा, श्री बृजराज सिंह, श्री राजकिशोर श्रीवास्तव, श्री लकी ठाकुर, ई. आनंद मोहन मिश्रा, श्री बीरेंद्र सिंह, श्री आनंद चौधरी, श्री जगदानंद झा, श्री कमलेश सिंह, श्री नवल वर्मा, श्री धीरज झा, श्री रूपेश कुशवाहा, श्री अभिषेक प्रभाकर, श्री शशि नारायण मिश्र, श्री संतोष गिरी, श्री चंदन सिंह, श्री राहुल शर्मा, श्री रंजय सिंह

विभागीय प्रभारी : श्री अनिल सिंह, श्री गणनाथ मिश्रा, श्री राम गोस्वामी, श्री संतोष सिंह, श्री युगल किशोर झा, श्री जितेंद्र ठाकुर, श्री प्रकाश देबनाथ, श्री जय शुक्ल, श्री दीनबंधु सेन (मामा), श्री आनंद तिवारी, श्री पवन पाण्डेय, श्री प्रमेंद्र सिंह, श्री राज कुमार सिंह (देवरी), श्री संतोष सिंह राजा, रविन्द्र सिंह (लाफार्ज), श्री अनमोल झा, श्री अमरकांत तिवारी, श्री निर्भय चौधरी, श्री अभिषेक कुमार सिंह, श्री आदित्य कुमार सिंह, श्री रंजीत ठाकुर, श्री मुरारी दुबे, श्री केशव झा, श्री कुंदन ठाकुर, श्री अभिषेक ठाकुर, श्री बिरेन्द्र तिवारी, श्री विजय दुबे, श्री रवीन्द्र सिंह, श्रीमती सपना सराफ, श्री सुभम झा, श्री वैभव कुलदीप, श्री आदित्य ठाकुर, श्री आशीष चौधरी, श्री विक्रम चौधरी, श्री अक्ष झा, श्री श्याम चौधरी, श्री आनंद झा, श्री हर्ष ठाकुर, श्री प्रशांत मिश्रा, श्री प्रिंस कुमार झा, श्री सुरेश सिंह, श्री राहुल सिंह, श्री संतोष सिंह, श्री अमन ओझा, श्री रवि रंजन ओझा, श्री रजनीश सिंह, श्री हर्ष सिंह, श्री संतोष ओझा, श्री सूरज सिंह, श्री सुभाष तिवारी, श्री प्रभात कुमार चौधरी, श्री सी.पी. साहू

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