एक तरफ शत प्रतिशत मतदान की अपील और दूसरी ओर समय से पहले ही मतदान कर्मी ईवीएम मशीन बंद कर समेटने लगे, हंगामें के बाद बैलेट पेपर से कराया गया मतदान

एक तरफ तो चुनाव आयोग से लेकर जिला प्रशासन लोगों को मतदान के लिए प्रेरित करता रहा लेकिन बिलासपुर जिले के बेलतरा विधानसभा के बसंत विहार कॉलोनी बूथ क्रमांक 233 में उस समय विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई जब तय समय से 10 मिनट पहले ही वोटिंग मशीन बंद कर दिया गया। इस दौरान बिलासपुर की स्त्री रोग विशेषज्ञ और जिला चिकित्सालय की डॉक्टर वंदना चौधरी, डिप्टी सीएमओ डॉक्टर श्याम बाबू चौधरी , पहली बार वोट डाल रहे सौम्या चौधरी ,आदित्य चौधरी मतदान कर्मियों की लापरवाही के चलते वोट देने से वंचित हो गए। खास बात यह है कि डाक्टर दंपति के दोनों बच्चे केवल वोट डालने के लिए दिल्ली से बिलासपुर पहुंचे थे ।

लाइन में लगने के बाद जब उनकी बारी आई तो पता चला कि मतदान कर्मियों ने ईवीएम मशीन बंद कर दिया है, जबकि नियम यह है कि तय समय 5:00 के पहले जो भी मतदाता परिसर के भीतर प्रवेश कर जाएंगे उनका अनिवार्य रूप से मतदान कराना है, लेकिन यहां तो 5:00 बजे से 10 मिनट पहले ही मशीन बंद कर दिए गए। जब इसकी जानकारी भाजपा और कांग्रेस के कार्यकर्ताओ को हुई तो उन्होंने जमकर हंगामा मचाया। फिर भी निर्वाचन कार्य में लगे कर्मचारी अपनी गलती मानने को तैयार नहीं थे। उनका तर्क था कि दोबारा ईवीएम मशीन ऑन नहीं किया जा सकता। बाद में उच्च अधिकारियों के दखल के बाद मौके पर एसडीएम और पुलिस पार्टी पहुंची जिन्होंने पंचनामा कार्यवाही पूरी कर शाम 7:00 बजे वैलेट पेपर से इनका मतदान कराया।


इस पूरे घटनाक्रम ने मतदान कर्मियों की लापरवाही उजागर की तो वही दिल्ली से बिलासपुर पहुंचे मतदाताओं ने कहा कि ऐसी लापरवाही के चलते उन्हें न सिर्फ परेशानी हुई बल्कि व्यवस्था के प्रति घोर निराशा भी उत्पन्न हुई, जो शत प्रतिशत मतदान की राह में रोड़ा बन सकता है।

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