कैलाश यादव
जिला प्रशासन ने बार-बार यह चेतावनी दी थी कि गणेश विसर्जन या अन्य किसी मौके पर तेज और असहनीय आवाज वाले डीजे का इस्तेमाल न किया जाए। गणेश उत्सव समितियां के साथ इसे लेकर बैठक भी की गई। बावजूद वही ढाक के तीन पात नजर आए । गणेश विसर्जन के दौरान कानफोड़ू डीजे की वजह से सड़क पर चलना मुश्किल हो गया ।खासकर बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों को इससे बहुत तकलीफ हो रही थी। लगातार सोशल मीडिया पर लोग इसे लेकर आपत्ति जाता रहे थे।
वैसे तो गणेश उत्सव के कुछ दिन बाद से ही लगातार डीजे का उपयोग देखा जा रहा था लेकिन निर्देश के बावजूद किसी पर कार्रवाई नहीं हो रही थी ।
पता चला कि अब हाई कोर्ट की फटकार के पास पुलिस, नगर निगम और राजस्व विभाग की जॉइंट टीम ने शनिवार को शोर मचाने वाले डीजे के खिलाफ कार्यवाही की। अलग-अलग थाना क्षेत्र में कार्यवाही करते हुए नियम विरुद्ध तेज आवाज में डीजे बचाने वाले संचालको के खिलाफ कार्यवाही की गयी है। बताया जा रहा है कि पुलिस विभाग का अमला प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में व्यस्त था, इसलिए शनिवार को सभा खत्म होते ही संयुक्त टीम ने डीजे के खिलाफ अभियान शुरू किया। मानक से ज्यादा आवाज वाले डीजे बजाने वाले संचालको के खिलाफ कार्यवाही करते हुए सारे उपकरण और गाड़ियां जप्त की गई है । पुलिस ने कुल 7 डीजे संचालकों के खिलाफ कार्यवाही की है। सिविल लाइन क्षेत्र में लकी साहू , बंधवा पारा को डीजे के साथ पकड़ा गया। सरकंडा पुलिस ने भी दो डीजे संचालकों के विरोध कार्रवाई की है , जिसमें संदीप यादव और सौरभ सिंह शामिल है। सिटी कोतवाली क्षेत्र में दीपक यादव, मनीष केवट, कृष्णा साहू और ईश्वर सोनी के खिलाफ कोलाहल अधिनियम के तहत कार्यवाही करते हुए डीजे उपकरण जप्त किए गए।
अत्यधिक तेज साउंड और अत्यधिक बेस में डीजे का उपयोग किया जाता है। खासकर दिल के मरीजों को इससे बेहद तकलीफ होती है और उनकी जान जाने की भी आशंका रहती है। नियम विरुद्ध गणेश विसर्जन में इनका इस्तेमाल धड़ल्ले से किया जा रहा है, जिसके बाद राजस्व, नगर निगम और पुलिस की संयुक्त टीम ने कार्यवाही की जिसमें तहसीलदार अतुल वैष्णव, अतिरिक्त तहसीलदार आकाश गुप्ता, नायब तहसीलदार हितेश साहू, जोन कमिश्नर राजकुमार शर्मा ,आरटीओ निरीक्षक कृष्णकांत चौबे, पर्यावरण विभाग और पुलिस की टीम मौजूद रही। गणेश विसर्जन के दौरान न जाने कितनी संख्या में इस तरह के डीजे का उपयोग किया जा रहा है, लेकिन कार्रवाई केवल चंद के खिलाफ ही हुई है । लोगों का कहना है कि अगर डीजे का संचालन नियम विरुद्ध है तो फिर इसे पूरी तरह बंद कर देना चाहिए , तभी इस पर रोक संभव होगा।