भविष्य की मांग है गौ आधारित खेती, मॉडल कृषि फार्म खंजरी में इस पद्धति से किया जा रहा प्रायोगिक खेती, साथ ही अंचल के किसानों को दिया जा रहा है प्रशिक्षण भी

आधुनिक खेती के नाम पर रसायन युक्त खाद और कीटनाशकों के बेतहाशा प्रयोग के मानव और जीव जगत पर भयावह परिणाम सबके सामने है। यही कारण है कि एक बार फिर किसान अपनी जड़ों की ओर लौटने लगे हैं। समझदार कृषक एक बार फिर से पारंपरिक भारतीय कृषि पद्धतियों को अपनाने लगे हैं, इससे उत्पादन में भले ही थोड़ी कमी आती है लेकिन भारतीय पद्धति से होने वाली खेती ही भविष्य की मांग है ।अब यह कल्पना भर नहीं है
अंचल में भी कई भाविष्यदृष्टा, जानकार और पढ़े लिखे कृषक न केवल इस पद्धति से खेती कर रहे हैं बल्कि अन्य किसानों को भी प्रशिक्षण देकर इसके लिए प्रेरित कर रहे हैं। माडल फार्म खंजरी मे प्राकृतिक खेती के द्रारा धान की खेती की जा रही है।

इस गौ आधारित खेती मे हर वर्ष धान की क्वालिटी एवं उत्पादन भी बढ़ रहा है। इस धान के चावल का स्वाद बहुत ही शानदार एवं खुशबूदार है एवं माडल फार्म खंजरी सिर्फ हमारे देशी धान के परंपरागत बीजो का जो की हमारे स्वयं के द्रारा बनाये गये बीजो का ही उपयोग किया जाता है जिससे फसल ताकतवर बीमारी रहित एवं अधिक उत्पादन देने वाली होती है एवं धान के एक काड़ी मे रोपाई करने पर 30 से 40 कंसा तक निकलते है एवं इस देशी बीज के पौधे ज्यादा हवा पानी एवं आंधी आने पर भी पौधे नही गिरते है। यही प्राकृतिक कृषि की ताकत है माडल फार्म खंजरी मे देशी धान की विष्णु भोग तुलसी मंजरी दुबराज श्याम जीरा राम जीरा तिल कस्तुरी जवा फुल जैसे देशी धान की खेती की जाती है।

माडल फार्म खंजरी मे प्राकृतिक खेती के द्रारा हल्दी की भी खेती की जा रही है। इस गौ आधारित खेती मे हर वर्ष हल्दी की क्वालिटी एवं उत्पादन बढ़ता जा रहा है। कारकोरियम परसेन्टेज भी बढ़ रहा है

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