अली अकबर
अंडरग्राउंड सीवरेज बिलासपुर के शरीर पर ऐसा नासूर है जो रह-रहकर रिसता रहता है। इसके जख्म अभी भी कहीं भी हरे हो जाते हैं। बिलासपुर की सड़कों को खोखला कर इसके भीतर करोड़ों रुपए की पाइपलाइन बिछा दी गई लेकिन योजना का कोई अता पता नहीं। अंडरग्राउंड सीवरेज से पता नहीं किसका भला हुआ है लेकिन इस वजह से पूरा शहर बारूद के ढेर पर बैठा हुआ है। पता नहीं कब किस इलाके की जमीन धंस जाए।
बिलासपुर के भीड़भाड़ वाले इलाकों में से एक मानसरोवर चौक से तेलीपारा जाने वाली सड़क पर काली मंदिर के ठीक सामने बुधवार को सड़क के बीचो बीच एक बड़ा गड्ढा बन गया। इस गहरे गड्ढे में फंस कर कोई भी वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है। जाहिर है अंडरग्राउंड पाइप लाइन बिछाने के लिए खोदे गए गड्ढे का रेस्टोरेशन सही ढंग से नहीं हुआ है, जिस कारण बरसात के दौरान इस तरह के मामले सामने आते हैं। तेलीपारा मुख्य सड़क के बीचो बीच गहरा गड्ढा बन जाने के बाद आसपास के जागरूक लोगों ने वहां डंडा और कपड़ा बांधकर वैकल्पिक व्यवस्था किया ताकि आम राहगीर गड्ढे का शिकार ना बने।
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब बिलासपुर की सड़कों में इस तरह अचानक से गड्ढे उभर आए हो। बिलासपुर की शायद ही कोई सड़क बची हो, जहां उस अंडरग्राउंड सीवरेज योजना के नाम पर गहरे गड्ढे कर पाइपलाइन बिछाये गए हैं जिसका कोई अता पता नहीं है । इसी वजह से लोग बिलासपुर को खोदापुर कहने लगे थे और इसी कारण से बिलासपुर के 20 साल पुराने विधायक की विधायकी चली गई। लोग अब इसे भूलने भी लगे हैं लेकिन बीच-बीच में इस तरह के गड्ढे उन्हें अंडरग्राउंड सीवरेज सिस्टम का दंश भूलने नहीं दे रहे।