

ज़िला कांग्रेस कमेटी ( शहर/ग्रामीण ) ने 02 अगस्त को कांग्रेस भवन मे अविभाजित मध्यप्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री स्व रविशंकर शुक्ल जी और पूर्व केंद्रीय मंत्री शहीद विद्याचरण शुक्ल जी की जयंती मनाई गई ,और उनके छायाचित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धाजंलि दी गई ।
शहर अध्यक्ष विजय पांडेय ने कहा कि विद्या भैय्या भारतीय राजनीति के ऐसे धूमकेतु थे ,जिसका चमक कभी कम नही हुआ ,चाहे सरकार किसी की भी हो ,विद्याचरण शुक्ल नरसिम्हा राव के संकट मोचक थे ,छत्तीसगढ़ को विकास के मुख्य धारा में जोड़ने के लिए बड़ी बड़ी केंद्रीय योजनाओ को मूर्त रूप दिया,9 बार संसद सदस्य और लगभग सभी प
फोर्टफ़ोलिओ में मंत्री रहे ,कुछ समय के लिए कांग्रेस छोड़कर अन्य पार्टी में गए और अंतिम में कांग्रेस में ही वापस आये ।
इस अवसर पर संयोजक ज़फ़र अली, हरीश तिवारी ,विनोद साहू ने कहा कि पंडित रविशंकर शुक्ल छत्तीसगढ़ के प्रथम पंक्ति के स्वतंत्रता सेनानी थे ,जिन्होंने कांग्रेस के त्रिपुरी अधिवेशन में विशेष भूमिका निभाई , रविशंकर शुक्ल छात्र जीवन से ही आज़ादी की लड़ाई मे भाग लेने लगे थे ,सरकारी नौकरी छोड़कर बैरिस्टर बन गए और स्वतंत्रता के बाद सीपी बरार एवं मध्यप्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री बने , भिलाई स्टील प्लांट जैसे कई सौगाते छत्तीसगढ़ दी ।
शहीद पण्डित विद्याचरण शुक्ल कद्दावर नेता थे ,लम्बे समय तक केंद्र में मंत्री रहे, पृथक छत्तीसगढ़ बनाने में अहम भूमिका निभाई ,विद्या भैय्या काम पर विश्वास रखते थे ,उनके पास जो भी गया खाली नही आया,बड़ी बड़ी योजनाएं छत्तीसगढ़ में स्थापित किये, विद्या भैया ने सत्ता की ऊंचाई देखा तो वही अपने आखिरी समय मे संघर्ष भी किये ,2013 के कांग्रेस के परिवर्तन यात्रा में झीरम घाटी के नक्सली हमले में शहीद हो गए।
कार्यक्रम में शहर अध्यक्ष विजय पांडेय,संयोजक ज़फ़र अली, हरीश तिवारी, त्रिभुवन कश्यप ,माधव ओतलवार, विनोद शर्मा, विनोद साहू,चन्द्र प्रदीप बाजपेई,गणेश रजक,सुभाष ठाकुर चन्द्रहास केशरवानी, राम दुलारे रजक,वीरेंद्र सारथी,मनोज।शर्मा,राजेश शर्मा,मनोज शुक्ला, उत्तरा सक्सेना,सुदेश नन्दिनी,सावित्री सोनी,अफरोज बेगम,गौरव एरी आदि उपस्थित थे।
