यश साहू हत्याकांड की गुत्थी सुलझने और आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद भी साहू समाज ने जताया है विरोध, पुलिस ने कई अनुत्तरित सवालों का जवाब देते हुए कहा, मामले में शामिल ऑटो चालक की पुलिस कर रही है तलाश

आकाश दत्त मिश्रा

यश साहू
मुख्य सड़क पर फेंक दी गई लाश

बिलासपुर में प्रेम त्रिकोण के चलते लखनपुर सरगुजा के युवक यश साहू हत्याकांड के मुख्य आरोपी को भले ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन पुलिस की कार्यवाही पर मृत युवक के परिजनों और साहू समाज ने संदेह व्यक्त करते हुए विरोध दर्ज करना शुरू कर दिया, जिसके बाद कई अनुत्तरित सवालों का पुलिस ने अपने स्तर पर जवाब दिया है।

हत्याकांड के तीनों आरोपी गिरफ्तार


शुरू में बताया गया था कि किसी काले रंग के कार से लाकर यश के शव को परसदा गुम्बर पेट्रोल पंप के पास फेंका गया था, लेकिन पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि लाश को किसी ऑटो चालक ने फेंका था। यश साहू के साथ मारपीट करने वाले मुख्य आरोपी राहुल नामदेव उर्फ बुटियां और उसके दोस्तों ने उसकी पिटाई करने के बाद यश साहू को बकायदा स्कूटी में बिठाकर पुराना हाईकोर्ट चौक तक लाया था और फिर वहां किसी ऑटोरिक्शा में बिठा कर उसे भेजा गया था। सबूत के तौर पर पुलिस ने सीसीटीवी की तस्वीरें जारी की है, जिसमें बताया जा रहा है कि मुख्य आरोपी राहुल, यश साहू को स्कूटी में बिठाकर ऑटो में छोड़ने जा रहा है ।

हत्याकांड में शामिल वाहन जप्त
पुलिस ने अनुत्तरित सवालों के भी दिए जवाब


यश साहू के परिजनों ने यह भी आरोप लगाया था कि इस लव ट्रायंगल का तीसरा कोण यानी चकरभाटा क्षेत्र में रहने वाली युवती ने ही फोन कर यश साहू को बुलाया था। कहा तो यह भी जा रहा था कि युवती के घर ले जाकर यश साहू की पिटाई की गई है, लेकिन पुलिस ने कोचिंग सेंटर का भी फुटेज जारी करते हुए दावा किया है कि मुख्य आरोपी रोज की तरह कोचिंग सेंटर पहुंचा था, जहां उसने एक बार फिर अपनी प्रेमिका को यश साहू के साथ देख लिया, जिसके बाद उसने पहले तो युवती के साथ झगड़ा किया और फिर यश साहू को अपनी स्कूटी में बिठाकर चकरभाटा की ओर बन्द पड़े ढाबे में ले गया। जैसा कि पुलिस बता रही है कि इस मारपीट के बाद यश साहू को एक ऑटो में बिठाकर बिलासपुर की ओर भेजा गया था। रास्ते में यश साहू की मौत हो जाने पर ऑटो चालक उसकी लाश फेंक कर भाग गया। अब पुलिस उस ऑटो चालक की तलाश कर रही है।

कोचिंग सेंटर में मुख्य आरोपी


युवक के परिजनों ने पूछा कि आखिर क्यों कोई ऑटो चालक किसी अधमरे और घायल युवक को अपने ऑटो में बिठाने का जोखिम लेगा ? लेकिन पुलिस कह रही है कि कई ऑटो चालक शराबी या नशेड़ियों को अपने ऑटो में बिठाते है। शायद यश को भी ऐसा ही बता कर बिठाया गया होगा ।
यश साहू के परिजन यह भी सवाल कर रहे हैं कि आखिर इस घटना में जिस युवती का नाम बार-बार आ रहा है, उसे क्यों नहीं आरोपी बनाया गया ? मृत युवक के परिजनों का तो यह भी दावा है कि इस घटना में युवती और उसके परिजन भी शामिल है। घटना में जिस गाड़ी का इस्तेमाल हुआ है, वह भी उसी के परिजनों की बताई जा रही है। इस पूरे घटना के खुलासे के बाद भी जिस तरह से घटना को लेकर संदेह जताया गया और साहू समाज ने विरोध किया उसके बाद पुलिस ने कुछ और सबूत पेश करते हुए अपना स्पष्टीकरण दिया है । साथ ही कहा है कि मामले में विवेचना जारी है और कुछ संदिग्धों की गिरफ्तारी हो सकती है ।

फिलहाल पुलिस उस ऑटो चालक की तलाश कर रही है , जिसके ऑटो में यश को भेजा गया था। यश साहू के परिजनों का यह भी आरोप है कि कथित दुबे परिवार की लड़की यश साहू की गर्लफ्रेंड नहीं थी और वह खुद ही यश साहू से दोस्ती बढ़ा रही थी लेकिन पुलिस ने दावा किया है कि पिछले 1 महीने में ही 121 बार दोनों की फोन पर बातचीत हुई है और इसमें दोनों तरफ से ही कॉल किए गए हैं। पुलिस पुराने डिटेल्स भी निकाल रही है। पुलिस ने यह भी पता लगाया है कि युवती एक तरफ जहां लगातार यश साहू से बातचीत करती थी, वही वो राहुल नामदेव से भी लगातार फोन पर बात कर रही थी ।


राहुल नामदेव, यश साहू को कोचिंग सेंटर से लेकर घटनास्थल तक गया और फिर उसे ऑटो तक छोड़ा पुलिस के पास इसका भी सीडीआर मोबाइल लोकेशन है । मृतक यश साहू और राहुल नामदेव के शहर के कई स्थानों पर साथ-साथ फुटेज मिले हैं, जाहिर है जब रास्ते में जगह-जगह राहुल नामदेव और यश साहू स्कूटी में बैठे दिख रहे हैं तो फिर यश साहू को ऑटो में बिठाकर लाने के दौरान ऑटो चालक भी किसी ना किसी सीसीटीवी में कैद हुआ होगा।

यश को ऑटो में बिठाने ले जाता राहुल नामदेव

यश साहू और युवती दोनों ही यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे, जबकि लव ट्रायंगल का तीसरा कोण यानी कि राहुल नामदेव चकरभाटा क्षेत्र का गुंडा बदमाश है, जिसने रसूखदार परिवार की लड़की से ना केवल दोस्ती की, बल्कि लड़की के यश साहू से बढ़ती नजदीकियों पर आपत्ति जताते हुए इससे पहले भी कई बार यश साहू से झगड़ा किया और बीते मंगलवार को उसने अपने दो साथी विनय शांडिल्य और उमेश वर्मा के साथ मिलकर उसकी जानलेवा पिटाई की।

इधर साहू समाज और यश के परिजन यह आरोप लगा रहे हैं कि उनके बेटे की हत्या सुपारी देकर कराई गई है और असली गुनाहगार अब तक पुलिस जांच से बाहर है।

यह अपने आप में शायद अनोखा मामला है, जिसमें मुख्य आरोपी समेत हत्यारे पकड़े जा चुके हैं लेकिन फिर भी मृत युवक के परिजन जांच पर यकीन नहीं कर पा रहे है। इस पूरे मामले में बार-बार यह आरोप लग रहा है कि पुलिस युवती और उसके रिश्तेदारों को बचा रही है। सवाल यह भी खड़े किए जा रहे हैं कि जब राहुल नामदेव यश को अपनी स्कूटी में बिठा कर ले गया और उसे स्कूटी में ही ऑटो तक छोड़ा तो फिर पुलिस ने कार्यवाही में कार क्यों जप्त की। कार की इस पूरे घटनाक्रम में क्या भूमिका है ? बिलासपुर पुलिस ने इन सारे सवालों का समाधान एक ही जवाब में किया है कि इस मामले में विवेचना जारी है और संभव है जल्द ही कुछ और गिरफ्तारियां हो। यानी कि यश साहू हत्याकांड में कई मोड़ आने अब भी बाकी है।

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