
आकाश दत्त मिश्रा

चकरभाटा में रहने वाली युवती एक साथ दो नावों की सवारी कर रही थी, जिसके चलते एक होनहार युवक को अपनी जान गवानी पड़ी और उसकी हत्या के आरोप में तीन युवक जेल चले गये। मजे की बातें यह है कि इस पूरे मामले की अहम कड़ी युवती का नाम तक इस पूरे मामले में सामने नहीं आया है।

ग्राम लखनपुर जिला सरगुजा में रहने वाला 20 वर्षीय यश साहू होनहार विद्यार्थी था और वह बिलासपुर के दिल्ली आईएएस अकैडमी में सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहा था। बताते हैं कि उसके साथ चकरभाठा क्षेत्र की एक युवती भी कोचिंग करती थी, जिसका दिल यश साहू पर आ गया था और वह हर संभव कोशिश कर यश साहू से नजदीकियां बढ़ा रही थी। युवती एक तरफ चकरभाटा के आदतन बदमाश राहुल नामदेव उर्फ बुटिया से भी प्रेम करती थी, तो वहीं अब यश साहू के साथ भी उसका प्रेम संबंध चर्चा में था। यानी एक ही समय में युवती दो युवकों से प्रेम करते हुए खतरे से खेल रही थी।
इसकी जानकारी जब राहुल को हुई तो उसने ना केवल अपनी प्रेमिका की खबर ली बल्कि कई बार यश साहू को भी पीटा । बताते हैं कि घटना वाले दिन 6 तारीख को जब राहुल नामदेव अपनी प्रेमिका से मिलने हमेशा की तरह दिल्ली आईएएस अकैडमी पहुंच तो एक बार फिर उसने अपनी प्रेमिका को उसके साथ देखा, जिससे वह आग बबूला हो उठा।

उसके बाद राहुल नामदेव यश को अपनी स्कूटी में बैठाकर रास्ते भर उसकी पिटाई करते हुए चकरभाठा ले गया, जहां एक बंद राम सिंह के ढाबे में भी उसकी पिटाई जारी रखी। यश की पिटाई करते हुए राहुल नामदेव ने अपने दो साथियों विनय शांडिल्य और उमेश वर्मा को भी बुला लिया। तीनों ने मिलकर लाठी-डंडे , बेल्ट से यश साहू की बेरहमी से पिटाई की। जब मारपीट से यश साहू अधमरा हो गया तो राहुल नामदेव को यह आभास होने लगा कि यश साहू की मौत हो सकती है। हत्या के जुर्म से बचने के लिए अधमरे हालत में ही यश साहू को अपनी स्कूटी में बिठाकर राहुल नामदेव हाईकोर्ट मोड़ के पास पहुंचा। वहां एक ऑटो में उसे बिठाकर ₹200 देकर आगे भेज दिया। बताते हैं कि रास्ते में ही यश साहू की मौत हो गई, जिससे घबराकर ऑटो चालक गुंबर पेट्रोल पंप सिरगिट्टी के पास युवक के शव को फेंक कर भाग गया। दोपहर को लोगों ने रास्ते में पड़े शव को देखा। सोशल मीडिया के जरिए शव की पहचान हुई। बताते हैं कि इस बीच भी हत्यारों ने शाम करीब 7 बजे यश के दोस्त हार्दिक बंसल को बिलासपुर रेलवे स्टेशन साईं मंदिर के पास बुलाकर यश का फोन उसे दिया।
मृतक की पहचान होने के बाद पुलिस ने कोचिंग सेंटर से लेकर पूरे शहर भर के सीसीटीवी खंगाले और फिर वह हत्यारों तक जा पहुंची। इस मामले में पुलिस ने यश साहू की हत्या में शामिल मुख्य आरोपी राहुल नामदेव के साथ उसके साथी विनय शांडिल्य और उमेश वर्मा को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन अब यश साहू के परिजन यह सवाल खड़ा कर रहे हैं कि आखिर इस पूरे मामले की जड़ युवती को क्यों बख्श दिया गया। जब युवती राहुल नामदेव से प्रेम करती थी तो फिर उसने यश साहू के साथ मेलजोल क्यों बढ़ाया, जो यश साहू की हत्या की वजह बनी। मामले की जड़ युवती को क्लीनचिट देना यश साहू के परिजनों को नाइंसाफी लग रहा है। इधर यश साहू के पिता राजेश साहू ने दावा किया है कि युवती चकरभाठा क्षेत्र के एक राजनीतिज्ञ के परिवार की है इसलिए उसे बचाने की कोशिश हो रही है , हालांकि पुलिस का कहना है कि इस मामले में अभी विवेचना जारी है । यह घटना उन सभी के लिए सबक है, जिनके लिए लड़कों के दिलों से खेलना एक खेल है। दो नाव की सवारी से भले ही उन्हें कुछ देर के लिए आत्मिक संतुष्टि मिलती हो और उनकी अहम की तुष्टि होती हो, लेकिन ऐसा करना कई जिंदगियों से खिलवाड़ भी साबित हो सकता है, जैसा कि यश साहू के साथ हुआ। एक युवती की नासमझी के चलते कई जिंदगियां बर्बाद हो गयी।
