रतनपुर के चर्चित मामले में सोमवार को दो बड़े अपडेट सामने आए। पहले तो रेप पीड़िता की मां को कोर्ट से जमानत मिल गई और शाम होते होते यह खबर भी आ गए कि इस पूरे मामले में तत्कालीन थाना प्रभारी पर गाज गिरी है। रतनपुर में रेप पीड़िता की मां पर काउंटर एफ आई आर दर्ज करने के मामले के तूल पकड़ने के बाद एसपी ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई थी, जिन्होंने अपनी रिपोर्ट एसपी को सौंपी। कमेटी ने पाया कि रतनपुर थाना के तत्कालीन प्रभारी कृष्णकांत सिंह ने महिला पर धारा 377, 506 के साथ 4-12 पॉक्सो एक्ट लगाने में लापरवाही पूर्वक कार्यवाही की है। यह कार्यवाही संदेह से परे ना होने पर निरीक्षक कृष्णकांत सिंह को निलंबित कर दिया गया है। इससे पहले पिछले रविवार को उन्हें लाइन अटैच किया गया था। बताया जा रहा है कि पूरे मामले के मास्टरमाइंड रेपिस्ट के चाचा और भाजपा पार्षद को भी पार्टी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था लेकिन अब तक शुचिता की बात करने वाली भाजपा ने ऐसे दागी पार्षद को निलंबित नहीं किया है, जबकि भाजपा महिला मोर्चा लगातार इस मामले को लेकर आंदोलन धरना प्रदर्शन करती रही है।

क्या है रिपोर्ट में

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राहुल देव के नेतृत्व में सिविल लाइन थाना प्रभारी परिवेश तिवारी और एसडीओपी कोटा सिद्धार्थ बघेल ने पूरे मामले की जांच कर सोमवार को रिपोर्ट एसपी को सौंपा। एक तरफ जहां जांच में कृष्ण कांत सिंह दोषी पाये गये और उन्हें निलंबित किया गया वहीं जांच टीम में शामिल एसडीओपी सिद्धार्थ बघेल को भी मामले की संपूर्ण जानकारी होने के बावजूद वरिष्ठ अधिकारियों को इससे अवगत ना कराने के कारण, कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इस जांच में सोमवार को पुलिस की ओर से अधिवक्ता ने जमानत पर कोई आपत्ति नहीं की, इसलिए महिला को आसानी से जमानत मिल गई, क्योंकि मामला अभी न्यायालय में विचाराधीन है इसीलिए जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है।

इस मामले में पुलिस अधिकारियों पर भी मिलीभगत का आरोप लग रहा था। सोमवार को एसपी द्वारा तत्कालीन थाना प्रभारी कृष्णकांत सिंह को सस्पेंड कर दिए जाने के बाद अब गेंद भाजपा के पाले में है। लोग मांग कर रहे हैं कि पार्टी ऐसे दागदार पार्षद को अविलंब निलंबित करें।
इधर विधवा ब्राम्हण महिला को जमानत मिल जाने पर तमाम हिंदू संगठनों और रतनपुर के नागरिकों ने हर्ष व्यक्त किया है । चूंकि महिला आंगनबाड़ी सहायिका है इसलिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं में भी इस फैसले को लेकर खुशी है। सभी ने प्रशासन के साथ अधिवक्ता आशुतोष पांडे और माननीय न्यायालय के प्रति भी आभार जताया है।

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