द रतनपुर स्टोरी के विरोध में सुलग उठा रतनपुर, विश्व हिंदू परिषद और अन्य हिंदू संगठन से जुड़े लोगों ने रतनपुर थाने का किया घेराव, पुलिसकर्मियों को भेंट की चूड़ियां, टीआई और मुंशी को तुरंत सस्पेंड करने की मांग ,नगर बंद का भी आह्वान

आकाश दत्त मिश्रा

द रतनपुर स्टोरी के चलते पूरा रतनपुर सुलग उठा है । एक संभ्रांत विधवा ब्राह्मणी को षडयंत्र पूर्वक झूठे मामले में फंसाने के विरोध में तमाम हिंदू संगठन सामने आ चुके हैं। शनिवार शाम को विश्व हिंदू परिषद के साथ अलग-अलग हिंदू संगठन से जुड़े सैकड़ों लोगों ने रतनपुर में जमकर विरोध प्रदर्शन किया । इस पूरे मामले का विरोध कर रहे हिंदू संगठन के लोग रतनपुर महामाया चौक से पैदल मार्च करते हुए रतनपुर थाने पहुंचे, जहां थाने के सामने ही सड़क जाम कर पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। पुलिस के इस कायरता पूर्ण हरकत की वजह से पुलिसकर्मियों को चूड़ी भेंट की गई।

इस दौरान भारतीय राष्ट्रवादी समाज के समीर शुक्ला ने कहा कि पुलिस को लगा था कि हिंदू तो बिखरे हुए हैं, इसलिए एक विशेष संप्रदाय के दबाव में हिंदू एकाकी ब्राह्मणी के विरुद्ध कुछ भी झूठा मामला लगा दिया जाएगा और किसी को कोई फर्क ही नहीं पड़ेगा। समीर शुक्ला ने कहा कि अब हालात बदल गए हैं, हिंदू अपनी आवाज रखना सीख गया है और इस मामले में जब तक न्याय नहीं मिल जाता तमाम हिंदू संगठन चुप नहीं रहने वाले । इस दौरान समीर ने भाजपा पर भी सवाल खड़ा करते हुए कहा कि भाजपा खुद को हिंदू हितैषी बताती है और यहां उनका ही एक पार्षद रेप पीड़ित युवती की लाचार बुजुर्ग माँ के खिलाफ षडयंत्र रचने में लिप्त है। समीर शुक्ला ने ऐसे षड्यंत्रकारी भाजपा पार्षद को अविलंब पार्टी से बाहर करने की मांग की है।


इस मुद्दे को लेकर रतनपुर बंद का भी आह्वान किया गया है ।रविवार को व्यापारियों से अपना कारोबार बंद रखकर विरोध प्रदर्शन करने की अपील की गई है । विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि एक तरफ बिलासपुर में एक युवती पिछले 4 दिनों से बलात्कार का मामला दर्ज कराने दर-दर भटक रही है लेकिन उसकी शिकायत दर्ज नहीं की जा रही, उसके उलट रतनपुर में पलक झपकते ही एक महिला के खिलाफ आश्चर्यजनक धारा लगाते हुए उसे तत्काल जेल भी भेज दिया गया। पुलिस की इसी जल्दबाजी पर हिंदू संगठनों ने सवाल खड़ा करते हुए थाना प्रभारी कृष्णकांत सिंह और मामले के विवेचक मुंशी सत्येंद्र सिंह को तुरंत रतनपुर थाना से हटाने की मांग की है। विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों ने एसडीओपी की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए हैं।

क्या है पूरा मामला, पुलिस ने बनाया काउंटर केस

रतनपुर पुलिस ने 10 साल के बच्चे की शिकायत पर विधवा ब्राम्हण अधेड़ महिला पर अप्राकृतिक कृत्य करने का हैरान करने वाला आरोप लगाते हुए धारा 377, 506 और 4-12 पोक्सो एक्ट की कार्यवाही की। कार्यवाही करने में जैसी जल्दबाजी दिखाई, वहीं जल्दबाजी शक पैदा कर रही है। बच्चे के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने के पीछे की वजह कुछ और बताई जा रही है, जो पूरे मामले की कलई खोलती है ।

आफताब

इसी साल 4 मार्च को रतनपुर के करैयापारा में रहने वाला 19 वर्षीय आफताब मोहम्मद मोहल्ले की एक लड़की को लेकर खुटाघाट गया था, जहां उसके साथ रेप करने के बाद उसे मारपीट कर सड़क पर छोड़ कर भाग गया। पुलिस पेट्रोलिंग टीम को रोती बिलखती लड़की ग्राम भरारी के पास मिली थी। पूछताछ में उसने बताया कि करैहापारा निवासी आफताब मोहम्मद ने उसके साथ दुष्कर्म किया है। वैसे यह पहली मर्तबा नहीं था जब आफताब ने हिंदू ब्राह्मण लड़की के साथ दुष्कर्म किया था। पिछले 4 सालों से, जब लड़की स्कूल में पढ़ती थी तब से वह लव जिहाद के तहत लड़की को झांसा देते हुए उसके साथ लगातार शारीरिक संबंध बना रहा था। बदनामी के डर से लड़की ने किसी को कुछ नहीं बताया लेकिन मामला उजागर होने पर उसने आफताब के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कराया। आफताब के खिलाफ बलात्कार और पोक्सो एक्ट की कार्यवाही हुई और उसे जेल भेज दिया गया।

इधर आफताब की जमानत खारिज हो गई। आफताब मोहम्मद का रिश्तेदार स्थानीय भाजपा पार्षद है। बताया जा रहा है उसी के इशारे पर पूरी साजिश रची गई है। आफताब की बुआ का बेटा रायपुर में रहता है जो 5 से 10 मई के बीच रतनपुर आया था, जिसका दावा है कि जब वह मोहल्ले की दुकान से फ्रूटी लेने जा रहा था तो तभी रेप पीड़िता की विधवा मां ने उसे चॉकलेट देने के बहाने अपने घर बुलाया और उसके साथ अश्लील हरकत की।
इसके बाद वह लड़का रायपुर भी चला गया। अब वापस लौट कर वही लड़का महिला पर गंभीर आरोप लगा रहा है। शुक्रवार को बड़ी संख्या में उस लड़के के साथ उसके ही मज़हब के लोग रतनपुर थाने पहुंचे और दबाव बनाकर महिला की गिरफ्तारी कराई। पुलिस ने महिला के खिलाफ धारा 377, 506 और 4-12 पॉक्सो एक्ट के तहत कार्यवाही कर उसे आनन-फानन में जेल भी भेज दिया।

रेप पीड़िता पर केस वापस लेने हर तरह से बनाया जा रहा दबाव

इधर पीड़ित महिला की बेटी और रेप पीड़िता ने बताया कि आफताब मोहम्मद के जेल जाने के बाद से ही उस पर केस वापस लेने लगातार दबाव बनाया जाता रहा है। महिला के पति की मौत हो चुकी है, महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है। महिला के भी जेल चले जाने से उसकी बेटी बिल्कुल अकेली हो गई है, जिसने स्पष्ट बताया कि रेप के मामले को ढीला करने और केस वापस लेने के लिए दबाव बनाने के लिए ही यह पूरी साजिश रची गई है। उसने कई सवाल भी खड़े किए हैं ।उसने बताया कि उसकी मां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है, जिसका वास्ता ही रोज बच्चों से पड़ता है। अगर उसे यह सब करना होता तो फिर इसके लिए दुश्मन के परिवार के बच्चे की क्या जरूरत थी ? 10 साल का बच्चा घर से कथित तौर पर फ्रूटी लेने महिला के घर की ओर गया था, जबकि दोनों के घर के बीच कई और दुकान भी है, जहां से बच्चा फ्रूटी ले सकता था। ऐसे मामलों में कार्यवाही से पहले बाल कल्याण समिति की राय ली जाती है और बच्चे की काउंसलिंग कराई जाती है, लेकिन इस मामले में पुलिस ने ऐसा भी नहीं किया। यह सब कुछ चीख चीख कर इशारा कर रहा है कि रतनपुर पुलिस ने किसी के इशारे पर रेप पीड़िता पर दबाव बनाने यह काउंटर केस किया है। इसे लेकर अब बवाल मचा हुआ है।

ब्राह्मण समाज ने एसपी से की मुलाकात

इसी मुद्दे पर ब्राह्मण समाज बिलासपुर ने एसपी को ज्ञापन सौंपते हुए पूरे मामले का खुलासा किया है। विधवा महिला को झूठे मामले में फंसा कर बदले की भावना से जेल भेजने का आरोप लगाते हुए पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए गए हैं। ब्राह्मण समाज ने कहा कि इस साजिश का एकमात्र उद्देश्य पुराने रेप के मामले में मुस्लिम युवक को बरी कराना है। ब्राह्मण समाज ने बताया कि आरोप लगाने वाला बच्चा आरोपी युवक आफताब के पिता की बहन का बेटा है जो भाजपा पार्षद हकीम मोहम्मद के दुकान में ही रहता है, ब्राह्मण समाज ने स्थानीय पुलिस की भूमिका पर भी संदेह जताते हुए जांचकर्ता मुंशी सत्येंद्र सिंह पर सवाल खड़े किए हैं, उन्होंने कहा कि सत्येन्द्र सिंह हमेशा से ही विवादित रहा है, जिसका तबादला हो जाने के बाद भी वह थाने में डटा हुआ है। पूरे मामले को संदिग्ध, बेबुनियाद और साजिश पूर्ण कार्यवाही बताते हुए न्याय की मांग की गई है।

पुलिस दे रही है यह तर्क

बिलासपुर एसपी संतोष कुमार सिंह का कहना है कि इस मामले में बच्चे का बयान ही कार्यवाही के लिए पर्याप्त प्रमाण है, इसलिए उन्होंने पुलिस पर उठाए जा रहे सवालों को सिरे से खारिज कर दिया। एसपी यह मानने को भी तैयार नहीं है कि महिला के खिलाफ कोई साजिश की गई है। एसपी का दावा है कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन करते हुए ही पुलिस ने कार्यवाही की है, ऐसे में सब कुछ स्पष्ट होते हुए भी पीड़ित महिला और उनकी बेटी को न्याय मिल पाएगा, इसे लेकर संदेह की स्थिति है, हालांकि इस पूरे मामले ने पुलिस विभाग की जमकर किरकिरी जरूर की है। बताया जा रहा है कि अब आईजी भी अपने स्तर पर इस पूरे मामले की पड़ताल कर रहे हैं।

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