अस्पताल प्रबंधन द्वारा मृतक की किडनी चोरी करने का आरोप निकला बेबुनियाद, 27 दिन बाद शव कब्र से निकालकर किये गये पोस्टमार्टम में दोनों किडनी पाए गए सुरक्षित

खोदा पहाड़ और चुहिया भी नहीं निकली। कुल मिलाकर परिजनों का आरोप बेबुनियाद निकला। 15 अप्रैल को हुए सड़क हादसे में घायल सोनलोहरसी निवासी बुजुर्ग धरम दास मानिकपुरी को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया था जहां 21 अप्रैल को उसकी मौत के बाद कथित तौर पर परिजनों को सूचना दिए बगैर मृतक का अंतिम संस्कार किया किया गया, जिसके बाद परिजनों ने बहतराई स्थित प्रथम हॉस्पिटल के डॉक्टरों पर किडनी चोरी करने का गंभीर आरोप लगा दिया। परिजनों का कहना है कि अंतिम संस्कार के दौरान उन्हें पेट के पास चीरा लगा हुआ दिखा था, जिससे उन्हें शक हुआ कि मृतक का किडनी निकाल लिया गया है।

जिसके बाद पुलिस थाने में इसकी शिकायत की गई। हालांकि अस्पताल प्रबंधन आरोपों को बेबुनियाद बताता रहा, जिसके बाद कलेक्टर के आदेश पर कब्र खोदकर धर्मदास के शव को बाहर निकाला गया और वापस पोस्टमार्टम किया गया। मृतक के पुत्र सोहन दास मानिकपुरी की शिकायत पर लगभग 27 दिनों बाद एक बार फिर से बुजुर्ग का पोस्टमार्टम किया गया। सिम्स के डॉक्टरों की मौजूदगी में बाकायदा वीडियोग्राफी कराई गई । सिम्स के चिकित्सकों के अनुसार मृतक की दोनों किडनी सुरक्षित हैं और शहर के प्रथम अस्पताल प्रबंधन पर किडनी निकालने के आरोप पूरी तरह गलत साबित हुए हैं। मृतक के दोनों किडनी सुरक्षित पाए गए हैं।

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