


खुद को माचो दिखाने की चाह में युवकों द्वारा रॉयल एनफील्ड कंपनी की बुलेट मोटरसाइकिल चलाने और उसकी ओरिजिनल साइलेंसर को बदलकर मॉडिफाइड साइलेंसर लगाने का फैशन चल पड़ा है। कभी इन साइलेंसर से गोली चलने जैसी आवाज आती है तो कभी बेहद डरावनी और कर्कश आवाज, जिससे आम राहगीर और शहरी डर जाते हैं । इस वजह से हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। सोमवार को बिलासपुर यातायात पुलिस ने ऐसे वाहनों के खिलाफ अभियान चलाया। सरप्राइज चेकिंग अभियान के दौरान 138 संदिग्ध बुलेट वाहनों की जांच की गई, इनमें से 81 ऐसे बुलेट मिले जिनके ओरिजिनल साइलेंसर को बदलकर मॉडिफाइड सैलेंसर लगाया गया था।

तेज आवाज वाले साइलेंसर युक्त मोटरसाइकिल को थाने में रखा गया है। ऐसे वाहन चालकों के खिलाफ एक तरफ जहां मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्यवाही की गई , वही उनसे कहा गया है कि वे मेकेनिक लाकर मॉडिफिकेशन वाले साइलेंसर की जगह ओरिजिनल साइलेंसर लगाए, तभी उनका बुलेट उन्हें वापस किया जाएगा। बिलासपुर पुलिस ने यह सराहनीय कदम उठाया है जिसकी आवश्यकता बहुत दिनों से महसूस की जा रही थी। कहने को तो बुलेट में साइलेंसर लगा होता है लेकिन इनके साइलेंसर से ही इतनी आवाज होती है कि जहां से गुजर जाते हैं वहां एक शोर मच जाता है। बगल से गुजर जाए तो वाहन चालक हड़बड़ा जाते हैं। मोहल्ले से गुजर जाए तो लोगों की नींद खुल जाती है। पता नहीं बुलेट कंपनी को ऐसे वाहन बनाने की अनुमति ही क्यों दी गई है, जो खुद नियम तोड़ती है।


