

श्री पीताम्बरा पीठ सुभाष चौक सरकंडा बिलासपुर छत्तीसगढ़ स्थित त्रिदेव मंदिर में नवरात्र के चौथे दिन कूष्मांडा देवी के रूप में माँ श्री ब्रह्मशक्ति बगलामुखी देवी का विशेष पूजन श्रृंगार किया गया।बगलामुखी देवी की उपासना से बाहर एवं भीतर के शत्रुओं का नाश होता है नवरात्रि के चौथे दिन श्री पीताम्बरा पीठ के प्रवचन पंडाल में कथा के अवसर पर स्वामी विशोकानन्द भारती जी महाराज ने कहा कि बाहर के विरोधी आपकी उन्नति में बाधा पहुंचाते हैं श्री राम जी के जीवन में रावण विरोधी था जिसने राम जी की कीर्ति को इस प्रकार से धूमिल करना चाहा था उस दौरान विरोधी को साधने के लिए राम जी ने देवर्षि नारद जी से देवी भागवत की कथा सुनी और विजयादशमी को विजय के लिए प्रस्थान किया।”ऐं”मंत्र की साधना विद्या “ह्रीं”मंत्र की उपासना से धन प्राप्ति और”क्लीं” मंत्र की साधना से बाहर भीतर के शत्रुओं का नाश होता है कहना यह है कि सर्वसिद्धि केवल देवी साधना से ही संभव है।इस अवसर पर काशी से पधारे स्वामी सच्चिदानंद सरस्वती जी महाराज पीतांबरा पीठाधीश्वर दिनेश जी महाराज एवं अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

पीताम्बरा मां बगलामुखी देवी की उपासना विशेष रूप से वाद-विवाद, शास्त्रार्थ,मुकदमें में विजय प्राप्त करने के लिए,आकारण कोई आप पर अत्याचार कर रहा हो तो उसे रोकने,सबक सिखाने,बंधन मुक्त संकट से उद्धार,उपद्रवो की शांति, ग्रह शांति एवं संतान प्राप्ति के लिए विशेष फलदाई है।

