
आकाश दत्त मिश्रा

प्रधानमंत्री आवास योजना के मुद्दे पर भाजपा, राज्य सरकार को घेरने की तैयारी में है, इसके लिए आगामी 15 मार्च को एक लाख हितग्राहियों के साथ भाजपा विधानसभा का घेराव करेगी। इसी मुद्दे पर सरकार के खिलाफ तीखे हमले करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और बिलासपुर सांसद अरुण साव ने कहा कि भूपेश बघेल की सरकार गरीब विरोधी है। 4 साल में एक भी मकान किसी को नहीं दिया गया। प्रदेश के 20 लाख से अधिक हितग्राही योजना से वंचित हो गए। पूरे देश में 2011 के सर्वे सूची के आधार पर हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास आवंटित की जा रही है लेकिन जनता को भ्रम में रखने के लिए भूपेश बघेल दोबारा सर्वे की बात कर रहे हैं।

श्री साव ने बेरोजगारी भत्ता को भी बेरोजगारों के साथ भद्दा मजाक बताया। उन्होंने कहा कि जन घोषणापत्र में बेरोजगारी भत्ता की बात शामिल होने के बावजूद 4 साल तक कांग्रेस की सरकार सोई रही और अब जाकर चुनावी वर्ष में 1 अप्रैल से बेरोजगारी भत्ता देने का ऐलान किया, लेकिन इसके साथ जो शर्त जोड़ी गई है वह हैरान करने वाली है। शर्त यह है कि बेरोजगारी भत्ता उसी को मिलेगा जिसके परिवार में कोई भी सरकारी या निजी नौकरी में ना हो। यानी खानदानी बेरोजगारों को ही सरकार यह भत्ता देगी। अगर किसी के परिवार में कोई सरकारी या गैर सरकारी नौकरी में ही नहीं होगा तो फिर अब तक वह जीवित कैसे होगा ? कुल मिलाकर यह केवल भ्रम फैलाने का प्रयास है।

बिलासपुर में एम्स खोले जाने के मुद्दे को उन्होंने गंदा मजाक बताया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने अस्पताल नहीं संभाल पा रही। सिम्स बदहाल है। केंद्र सरकार ने जिस सुपर मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल के लिए 200 करोड़ दिए उसे इतने सालों में कांग्रेस सरकार शुरू नहीं कर पाई और अब एम्स को लेकर आपस में पीठ थपथपा रही है, जबकि यह पूरा मामला हवा में है। इसका ना कोई ओर है ना छोर।

रविवार को बिलासपुर सांसद से मिलने हवाई सेवा संघर्ष समिति के सदस्य भी पहुंचे, जिन्होंने इंदौर की फ्लाइट बंद होने का जिक्र किया। अरुण साव ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए अथॉरिटी से बात करने का आश्वासन दिया है।

एम्स के मामले में अरुण साव के बयान के बाद बिलासपुर विधायक शैलेश पांडे की प्रतिक्रिया भी सामने आई है, उन्होंने कहा कि विधानसभा में भाजपा के ही नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, पूर्व अध्यक्ष धरमलाल कौशिक और धर्मजीत सिंह ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया था और अब उनके ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष इसका विरोध कर रहे हैं, जिससे लगता है कि उनके बीच आपसी तालमेल की कमी है।
