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शुक्रवार को विधानसभा में बिलासपुर विधायक शैलेश पांडे ने बिलासपुर में एम्स खोलने की मांग रखी, जिस पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने वादा किया कि छत्तीसगढ़ में जब भी दूसरा एम्स खोला जाएगा तो वह बिलासपुर में खुलेगा। इस ऐलान से पूरे प्रदेश में हर्ष की लहर है । खासकर बिलासपुर में लोग इस फैसले से प्रसन्न है। यही वजह है कि शुक्रवार शाम को जब आईएमए के कार्यक्रम में शामिल होने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह और विधायक शैलेश पांडे बिलासपुर पहुंचे तो महाराणा प्रताप चौक पर उनका आतिशी स्वागत किया गया। कार्यकर्ताओं ने फूल मालाओं से दोनों नेताओं को लादते हुए कंधे पर उठा लिया। ढोल ताशे के साथ जिंदाबाद के नारे गूंजते रहे।

इस अवसर पर पत्रकारों से बात करते हुए टी एस सिंह देव ने माना कि यह बिलासपुर के लिए खुशी का मौका है और उन्होंने इसका पूरा श्रेय बिलासपुर विधायक शैलेश पांडे को दिया। उन्होंने कहा कि काफी दिनों से शैलेश पांडे उनके पीछे इस मुद्दे पर पड़े हुए थे। उनके ही प्रयास से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को चिट्ठी लिखी गई और आज जब विधानसभा में यह मुद्दा उठा तो फिर उन्होंने यह ऐलान किया।
केंद्र ने फैसला लिया है कि छोटे राज्यों में एक-एक एम्स खुलेगा तो वही बड़े राज्यों में एक से अधिक एम्स खोलने पर विचार किया जा रहा है। वर्तमान में रायपुर में स्थित एम्स पर काम का अतिरिक्त बोझ है । छत्तीसगढ़ के अलावा आसपास के राज्यों से भी मरीज रायपुर एम्स पहुंचते हैं, जिस कारण से वहां मरीजों को बिस्तर तक नहीं मिलते।

टी एस सिंह देव ने प्रदेश में दूसरा एम्स खोलने के लिए बिलासपुर को सबसे बेहतर विकल्प बताया। उन्होंने कहा कि इससे 3 संभागों को लाभ मिलेगा । हालांकि यह सब कुछ अभी प्रक्रिया अधीन है। फैसला केंद्र को लेना है । अभी केंद्र ने इस तरह का कोई फैसला नहीं लिया गया है। राज्य सरकार की भूमिका बस इतनी होगी कि अगर छत्तीसगढ़ में एम्स खुलने का प्रस्ताव आया तो वह इसके लिए बिलासपुर का नाम प्रस्तावित करेगी। टी एस सिंह देव ने इस बात पर अफसोस जताया कि इसके लिए सांसदों को भी पहल करना था लेकिन शायद यह सौभाग्य विधायक शैलेश पांडे के नाम था।

चुनावी साल पर भाजपा की स्थिति पर उन्होंने विश्लेषणात्मक तरीके से कहा कि भाजपा को कभी भी कम नहीं आंकना चाहिए। पिछले चुनाव में करारी हार के बावजूद भाजपा और आर एस एस का संयुक्त समीकरण हारी बाजी पलट सकता है । उन्होंने कहा कि भाजपा के विधायक हताश और टूटे मनोबल के साथ सदन में पहुंच रहे हैं। यही कारण है कि वे अपने ही गवर्नर का विरोध कर रहे हैं। लेकिन फिर भी आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा आरएसएस के गठजोड़ को हल्के में नहीं लिया जा सकता।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा और हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा विफल नहीं हुई है। आगे पूरब से पश्चिम जोड़ो यात्रा भी निकल सकती है, जिसका अनुकूल असर पड़ेगा।

भाजपा की नॉर्थ ईस्ट में विजय पर उन्होंने महाराष्ट्र और मेघालय का जिक्र करते हुए उनकी हार भी गिनाई।

टीएस सिंह देव के मन में अभी भी मुख्यमंत्री न बनाए जाने की कसक मौजूद है। इसी मुद्दे पर जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि यह सब कुछ हाईकमान के हाथ में है। अमूमन विधानसभा चुनाव पूर्व मुख्यमंत्री के नेतृत्व में लड़ा जाता है, इसलिए मुमकिन है कि इस साल के अंत में होने वाला चुनाव भी बघेल के नेतृत्व में लड़ाई जाए, लेकिन अंतिम फैसला हाईकमान के ही हाथों में उन्होंने छोड़ा।

स्वास्थ्य मंत्री के साथ रायपुर से बिलासपुर पहुंचे विधायक शैलेश पांडे को भी जश्न मनाने वालों ने हाथों हाथ लिया। इस अवसर पर टी एस सिंह देव गुट के कांग्रेसी नेता महाराणा प्रताप चौक पर नजर आए तो वही दूसरा गुट इस स्वागत कार्यक्रम से दूरी बनाता नजर आया।

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