बिलासपुर —
बिलासदाई एयरपोर्ट के उन्नयन की गति अत्यंत धीमी देख और जो सेवाएं शुरू हुई हैं उन पर भी यात्रियों को हो रही असुविधाओं के मद्दे नजर सारा मामला एक बार फिर उच्च न्यायालय पहुंच गया है।
बिलासपुर के लिए सर्वसुविधा संपन्न एयरपोर्ट के लिए उच्च न्यायालय में लंबित जनहित याचिका को याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आशीष श्रीवास्तव ने एक बार फिर सुनवाई के लिए आगे बढ़ाया है, जिस पर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने सुनवाई के लिए अगले शुक्रवार का दिन निर्धारित किया है।
गौरतलब है कि इस याचिका पर प्रतिवादियों द्वारा उच्च न्यायालय को बिलासपुर में हवाई सेवा के लिए जिन कार्य योजनाओं की जानकारियां दी गई थी, उन सभी पर अमल की गति अत्यंत धीमी हैं या रुकी हुई है।
“उच्च न्यायालय ने बिलासपुर एयरपोर्ट से संबंधित लंबित जनहित याचिका में वरिष्ठ अधिवक्तगणों के विशेष अनुमति पर संज्ञान लेते हुए शुक्रवार को सुनवाई निर्धारित की”
आज छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में बिलासपुर एयरपोर्ट से संबंधित लंबित जनहित याचिका WPPIL No 37/2017 ( कमल कुमार दूबे विरुद्ध केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार ) में वर्तमान परास्थिति एवं केंद्र एवं राज्य सरकार की तरफ़ से बिलासपुर की जनता तथा मध्य एवं उत्तर छत्तीसगढ़ की जनता की बहुप्रतीक्षित माँग व संपूर्ण विकसित एयरपोर्ट की उपेक्षा और नाईट लैंडिंग तथा नाईट टेकऑफ़ की सुविधा से वंचित रखने के चलते जल्द सुनवाई के लिए माननीय मुख्य न्यायाधीश महोदय की खंडपीठ में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आशीष श्रीवास्तव वरिष्ठ अधिवक्ता एवं छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्तागण राजीव श्रीवास्तव , डॉ निर्मल शुक्ला , योगेश चंद्र शर्मा आदि अधिवक्तागण ने विशेष अनुमति आवेदन प्रस्तुत किया गया जिसको स्वीकार करते हुए माननीय न्यायालय ने आगामी सुनवाई शुक्रवार 17 फरवरी 23 को नियत की है ।
इधर बिलासपुर हवाई अड्डे पर नाईट लैंडिंग , 4 c सेवा और अन्य सुविधाओं के विस्तार को लेकर हवाई सुविधा संघर्ष समिति ने पीडब्ल्यूडी कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन करते हुए बुधवार को ज्ञापन सौंपा।
हवाई सुविधा संघर्ष समिति के द्वारा धरना प्रदर्शन के बाद पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने बताया कि 15 महीने के अंदर नाइट लैंडिंग का काम पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है, जिसके लिए 15 दिनों के अंदर वर्क आर्डर जारी कर दिया जाएगा। इसमें हाई मास्क लाइट, रनवे पर लाइटिंग का काम, रनवे के दोनों और नाली का निर्माण और हवाई पट्टी का विस्तार किया जाना है ।क्योंकि पहली बार में एक ही कंपनी ने टेंडर डाला था जिसकी वजह से वह टेंडर प्रक्रिया निरस्त हो गया। अब दो कंपनियों का टेंडर आया है जिसे आज पूरा कर दिया जाएगा ।10 करोड़ की लागत से इन कार्यों का विस्तार होना था लेकिन 15 परसेंट बिलों में यह काम किया जाना है और 8 करोड़ 15 लाख में यह काम पूर्ण होगा। इसके लिए पीडब्ल्यूडी के अधिकारी लगातार काम की मॉनिटरिंग एयरपोर्ट अधिकारियों के साथ मिलकर करेंगे।