

मिशन 2023 की तैयारी में बिलासपुर पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने जनसभा को संबोधित किया। साथ ही उन्होंने संगठनात्मक बैठक ली। इसी दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने केंद्रीय बजट 2023- 24 के बारे में भी सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि इस बार आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर अमृत काल का बजट पेश किया गया है। इस बजट को सप्त ऋषि बजट बताते हुए उन्होंने कहा कि इसमें समावेशी विकास, अंतिम छोर तक पहुंचना, बुनियादी ढांचा और निवेश, क्षमता को उजागर करना, ग्रीन ग्रोथ, युवा शक्ति और वित्तीय क्षेत्र को शामिल किया गया है। उन्होंने दावा किया कि इस बजट में सभी वर्गों का ख्याल रखा गया है, इसलिए इसे उन्होंने सर्वग्राही और सर्व स्पर्शी बजट करार दिया ।

उन्होंने दावा किया कि 2023 24 का यह बजट भारत को 2047 में विकसित राष्ट्र बनाने का रोडमैप तैयार करेगा। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट में शायद ही कोई अछूता है। हर वर्ग के लिए बजट में कुछ ना कुछ समावेश किया गया है।
आज पूरा विश्व भारत की ओर टकटकी लगाए देख रहा है। वैश्विक मंदी के बीच में भारत जिस तरह से आर्थिक विकास कर रहा है वह विश्व के लिए पथ प्रदर्शक है। उन्होंने कहा कि 39.4 चार लाख करोड़ के बजट में 12% वृद्धि करते हुए इस बार 45 लाख करोड़ का वार्षिक बजट पेश किया गया है। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि बजट का सबसे महत्वपूर्ण विषय पूंजीगत व्यय है। इसे उन्होंने बजट की आत्मा बताया। उन्होंने बताया कि इस बजट में पूंजीगत व्यय 33.4% रखी गई है ।अधोसंरचना में 10 लाख करोड़ खर्च किए जाएंगे, जिससे विकास को नई गति मिलेगी।
डॉ रमन सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि आगामी वित्तीय वर्ष मैं केंद्र और राज्य सरकारों की कर प्राप्ति की सीमा 23 लाख करोड़ पार कर जाएगी। इसे उन्होंने कीर्तिमान बताया। उन्होंने दावा किया कि चालू वित्तीय वर्ष में आर्थिक विकास दर 7% रहेगी। वही प्रति व्यक्ति आय बढ़कर 1.97 लाख रुपए होने के बात भी उन्होंने कही। दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुके भारत की जीडीपी के 6% होने का दावा उन्होंने किया है। उन्होंने कहा कि यह दुनिया के किसी भी देश की तुलना में यह सर्वाधिक है और भारत इस मामले में नंबर वन पर है । डॉक्टर रमन ने कहा कि पिछले कुछ सालों से बार-बार उठ रही मांग को पूरा करते हुए इनकम टैक्स की सीमा 7 लाख रुपये की गई है। वित्त मंत्री ने इनकम टैक्स स्लैब को 6 से घटाकर 5 किया है। वहीं वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं के लिए भी इस बजट में कई बड़ी घोषणाये है।
प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि में 66% बढ़ोतरी की जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना पर 79,000 करोड़ की राशि खर्च की जाएगी, लेकिन उन्होंने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में इसका कोई लाभ नहीं मिल पाएगा, क्योंकि राज्य सरकार ने पिछले 4 सालों से इस योजना को डिब्बे में बंद कर दिया है। यहां 16 लाख आवास बनने थे, वह भी नहीं बन पा रहे हैं और भविष्य में भी योजना पर विराम लगा हुआ है।
जिस समय पाकिस्तान जैसे देश भुखमरी की कगार पर है उस दौरान भी भारत जैसे विशाल देश में 80 करोड़ लोगों को खाद्यान्न योजना के तहत अगले एक और साल तक 5 किलो चावल मुफ्त दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस बजट में किसान सम्मान निधि के लिए 2.2 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। 2047 तक सिकल सेल एनीमिया को भी खत्म करने की बात कहीं गई है। साल 2013-14 के अनुपात में रेलवे के बजट में 9 गुना बढ़ोतरी करते हुए इसे 2.4 लाख करोड़ का किया गया है। सौ नई परियोजनाएं आरंभ की जाएगी। कोविड-19 के बाद इस बजट को उन्होंने आशा और उम्मीदों भरा बताया।
वही पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि बजट में ऐसी कई योजनाएं शामिल है जिससे बेरोजगारी पर अंकुश लगेगा। 47 लाख युवाओं को रोजगार के लिए कर्ज देने की योजना का भी उन्होंने जिक्र किया, तो वही चुटकी लेते हुए कहा कि भूपेश बघेल की सरकार तो कर्ज लेकर किसी भी तरह की अधोसंरचना आधारित कार्य नहीं कर रही है। कर्ज को केवल नरवा गरुवा घुरवा पर जाया किया जा रहा है ।जब उनसे पूछा गया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दावा करते हैं कि डॉक्टर रमन सिंह के चेहरे पर भाजपा अगला चुनाव नहीं लड़ेगी तो रमन सिंह ने जवाब में कहा कि भाजपा किसके नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी, क्या अब यह भूपेश बघेल तय करेंगे ?
