
आकाश दत्त मिश्रा

तखतपुर की घटना ने एक बार फिर से कांग्रेस और भाजपा को आमने सामने ला खड़ा कर दिया है। इस घटना की प्रदेश भर में भाजपा द्वारा आलोचना की जा रही है। कांग्रेस को सत्ता के अहंकार में डूबा और युवा विरोधी बताया जा रहा है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की स्थापना के 75 साल पूरे होने पर जनकपुर रोड तखतपुर में स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में छात्र-छात्राओं का सम्मेलन आयोजित किया गया था। ज़ाहिर तौर पर कार्यक्रम भाजपा के अनुषांगिक संगठन एबीवीपी का होने के कारण इसमें कांग्रेसी विधायक को आमंत्रित नहीं किया गया था। आरोप है कि इससे नाराज कांग्रेस विधायक रश्मि सिंह अपने कार्यकर्ताओं के साथ हाथ से हाथ जोड़ो अभियान के तहत अचानक आयोजन स्थल सरस्वती शिशु मंदिर पहुंच गई । बिना आमंत्रण के शिशु मंदिर प्रांगण में पहुंचते ही विधायक ने प्राचार्य को रजिस्टर दिखाने का आदेश दिया। साथ ही उनसे जवाब तलब किया कि इस कार्यक्रम की सूचना उन्हें क्यों नहीं दी गई ।

कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति को लेकर भी सवाल जवाब किए जाने लगे। इस दौरान विधायक और संसदीय सचिव रश्मि सिंह ठाकुर के साथ जितेंद्र पांडे , सुनील जांगड़े, राजवीर हुरा और उनके सुरक्षाकर्मी मौजूद थे। इसी दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के विस्तारक अभिषेक पांडे से पूछा गया कि वह कौन है और यहां क्या कर रहे हैं ।जब उन्होंने अपना परिचय दिया तो आरोप है कि इसी दौरान जितेंद्र पांडे, सुनील जांगड़े और राजवीर हुरा तथा अन्य लोगों ने मां बहन की गाली देते हुए उनकी पिटाई शुरू कर दी। बताया जा रहा है कि इस दौरान विधायक रश्मि सिंह मौके पर मौजूद थी और उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं को मारपीट करने से रोकने का कोई प्रयास नहीं किया। यहां तक कि विधायक के पीएसओ ने भी निमेष पांडे तथा कार्यक्रम के मुख्य वक्ता शुभम पाठक के साथ मारपीट की।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की जिला संयोजिका आरती डड़सेना ने तखतपुर थाने में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि इन लोगों ने एबीवीपी के नेताओं के साथ मारपीट करने के अलावा मौके पर छात्रों द्वारा बनाए गए स्वामी विवेकानंद की रंगोली को भी पैरों से रौंदा डाला और स्वामी विवेकानंद की मूर्ति को उठाकर फेंक दिया। इस तरह उन्होंने स्वामीविवेकानंद का भी अपमान किया। आरोप है कि इस दौरान सुनील जांगड़े द्वारा झूठे एस्ट्रोसिटी एक्ट में फंसाने की धमकी भी दी गई। मारपीट का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इसके बाद एबीवीपी के कार्यकर्ता थाने पहुंच गए और विधायक के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कार्रवाई की मांग करने लगे। आरोप लग रहा है कि पुलिस ने विधायक के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र छात्राओं को ही धमकाया है, जिसे लेकर अब प्रदेश में राजनीति तेज हो गई है । दोनों पक्ष एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे।
