

बंगाल में सरस्वती पूजा की समृद्ध परंपरा रही है, जहां स्कूल के अलावा घर-घर देवी की स्थापना कर पूजा अर्चना की जाती है। जहां-जहां पढ़ने वाले छात्र छात्राएं हैं, जहां कला साधक है , वो सभी विद्या, ज्ञान, बुद्धि, संगीत की देवी मां सरस्वती की आराधना करते हैं। इस अवसर पर पुष्पांजलि देने और सामूहिक भोग प्रसाद ग्रहण करने की भी परंपरा बंगाल में प्रचलित है । वही परंपरा बिलासपुर में रहने वाले प्रवासी बंगालियों के आयोजन में भी दिखता है । गुरुवार को गणतंत्र दिवस और बसंत पंचमी का पर्व एक ही दिन मनाया गया।
छत्तीसगढ़ बंगाली समाज द्वारा तोरवा स्थित बंगाली भवन में मां सरस्वती की पूजा अर्चना की गई एवं भोग का वितरण किया गया। इस अवसर पर नृत्य,संगीत आदि की प्रस्तुति भी दी गई।

इस अवसर पर समाज के प्रदेश महासचिव पल्लव धर, पार्थो चक्रवर्ती, रंजीत बोस , पूर्ति धर , राखी गुहा , भाग्यलक्ष्मी , प्रोन्नति बारीक , मोनिका विश्वास , बीके नदी , डॉ अनूप विश्वास , अभिजीत विश्वास , अभिजीत दत्ता , श्रीमती आशा दत्ता , चंद्र चक्रवर्ती , आनंद बोस , प्रणव बनर्जी , शंभू नाथ दास मनीषा साहा , मांडवी , जॉनी निषाद , कल्पना डे , नारायण चंद्र डे , पार्थो दास , रेनू दास , सुपर्णा चक्रवर्ती , रेणुका बनर्जी , शेफाली राय , अचिंत कुमार बोस , उमा श्याम जीत, रविंद्र कुमार राय , अरुंधती मुखर्जी , कृष्णावेणी नायडू , शारदा नायडू सहित कार्यकर्ता उपस्थित थे।
